नई दिल्ली,वाईबीएन नेटवर्क
दुनिया भर में चल रहे टैरिफ वॉर के बीच भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकरऔर अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियोके बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई। विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने प्रस्तावित भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते को जल्द पूरा करने की जरूरत पर सोमवार को सहमति जताई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत सहित करीब 50 देशों पर जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा के कुछ दिनों बाद जयशंकर और रुबियो के बीच फोन पर हुई बातचीत में यह मुद्दा प्रमुखता से उठा।
एस जयसंकर ने ट्वीट की दी जानकारी
बता दें, इस समझौते की जानकारी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर दी, उन्होंने लिखा- मार्को रुबियो से बात कर अच्छा लगा। इंडो-पैसिफिक, भारतीय उपमहाद्वीप, यूरोप, मध्य पूर्व/पश्चिम एशिया और कैरेबियन पर दृष्टिकोणों का आदान-प्रदान किया। द्विपक्षीय व्यापार समझौते के शीघ्र समापन के महत्व पर सहमति व्यक्त की गई। संपर्क में बने रहने के लिए तत्पर हूं।
द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बनी सहमती
बता दें, ट्रंप द्वारा दो अप्रैल को शुल्क की घोषणा के बाद यह दोनों पक्षों के बीच पहला उच्च स्तरीय संपर्क था। फोन पर हुई बातचीत के बारे में ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते को जल्द पूरा करने के महत्व पर सहमति बनी। विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने रुबियो के साथ हिंद-प्रशांत, भारतीय उपमहाद्वीप, यूरोप, मध्य पूर्व और कैरिबियन क्षेत्र को लेकर विचारों का आदान-प्रदान किया।
टैरिफ के बीच व्यापार का नया रास्ता चुना
बता दें, अमेरिका द्वारा रेसिप्रोकल टैरिफ दुनिया के देशों पर लगाने के बाद इसके उलट भारत ने रेसिप्रोकल टैरिफ नहीं लगाया है। बल्कि भारत ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को से बात कर द्विपक्षीय व्यापार का रास्ता चुना है, जो दोनों देशों के हितों और संवेदनशीलताओं को साध सके। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य फोकस बाजार तक पहुंच बढ़ाने, टैरिफ और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने और सप्लाई चेन को मजबूत करने पर है। यानी साफ तौर पर भारत-अमेरिका व्यापार समझौता का उद्देश्य टैरिफ को कम करना, बाजार पहुंच में सुधार करना और भारत और अमेरिका के बीच आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना है।