अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा टैरिफ वॉर को लेकर खोला गया मोर्चा दुनिया भर में नए समीकरणों का जन्म दे सकता है। एक ओर जहां अमेरिका के दोस्त रहे कनाडा और मैक्सिको जैसे भी ट्रंप के टैरिफ वॉर से हलकान हैं वहीं अमेरिका ने रूस, जापान और भारत जैसे देशों के सामने में टैरिफ की मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। अमेरिका की ओर से रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है तो नई परिस्थितियों में चीन ने भारत की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है।
चीन ने मांगा भारत का साथ
बदली हुई परिस्थितियों को अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है सीमा विवाद पर भारत के खिलाफ रहने वाले चीन ने भी इस मामले में भारत का साथ मांगा है। ऊधर अमेरिका रूस को भी बड़े प्रतिबंध थोपने की धमकी दे चुका है। उससे पहले अमेरिका यूक्रेन पर तमाम प्रतिबंध लागू भी कर चुका है। आने वाले दिनों में ऊंट किस करवट बैठने वाला है, कहना मुश्किल होगा, लेकिन इतना साफ है कि अमेरिकी टैरिफ वॉर ने पूरी दुनिया में उथल पुथल मचा दी है। खुद अमेरिकी डेमोक्रेट्स ट्रंप के इन तावड़तोड़ फैसलों से सकते में आ गए हैं।
चीनी विदेश मंत्री बोले- साथ जरूरी
अमेरिकी टैरिफ वॉर से निपटने के लिए चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने सीमा विवाद को दरकिनार कर भारत के साथ चौतरफा साझेदारी बढ़ाने की बात कही है। चीन ने कहा है कि हमें एक दूसरे की राह में रोड़े अटकाने की बजाय मिलकर काम करना चाहिए। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पिछले वर्ष हुई बैठक के बाद दोनों देशों के बीच संबंध बेहतरी की ओर बढे हैं। लद्दाख में चार साल तक चला सैन्य गतिरोध भी पिछले साल समाप्त हो गया था।
ट्रंप ने दोहराया, भारत ज्यादा टैरिफ वसूलता है
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक बार फिर यह प्रतिक्रिया सामने आई है कि भारत उच्च टैरिफ वसूलने वाले देशों में शुमार है। ट्रंप इस बात को कई बार दोहरा चुके हैं और रेसिप्रोकल (जैसे को तैसा) टैरिफ लागू करने की बात भी कह चुके हैं, इसके लिए उन्होंने 2 अप्रैल की तारीख निर्धारित की हुई है।
पुतिन ने युद्ध बंद नहीं किया तो...
अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप के साथ ही ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान जैसे देशों ने तीन साल पहले यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से रूस पर 21,000 से अधिक प्रतिबंध लगाए हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी में अमेरिका के राष्ट्रपति का पदभार ग्रहण करने के बाद चेतावनी दी थी कि यदि पुतिन ने युद्ध बंद नहीं किया तो वे टैरिफ और अधिक प्रतिबंध लगाएंगे।