बलूचिस्तान, वाईबीएन नेटवर्क।
बलूचिस्तान में लंबे समय से चल रहे संघर्ष और हालिया बंधक संकट के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बलूचिस्तान का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने सुरक्षा हालात की समीक्षा की और क्षेत्र में जारी सैन्य अभियानों पर अधिकारियों से चर्चा की। दूसरी ओर, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तानी सेना के दावों को खारिज करते हुए कहा कि सेना सिर्फ झूठे दावे कर रही है और जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है।
बंधक संकट और बढ़ता तनाव
बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा लेकिन सबसे अशांत प्रांत है, जहां दशकों से अलगाववादी आंदोलन चल रहे हैं। हाल ही में एक बंधक संकट ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बलूच विद्रोहियों ने कई सुरक्षा कर्मियों और सरकारी अधिकारियों को बंधक बना लिया था। इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चलाने का दावा किया।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में पाकिस्तानी सेना को बड़ी सफलता मिली, लेकिन BLA ने इस दावे को पूरी तरह झूठा बताया। BLA का कहना है कि सेना का अभियान विफल रहा और उनके लड़ाके अब भी बलूचिस्तान के विभिन्न इलाकों में सक्रिय हैं।
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PM का बलूचिस्तान दौरा- क्या बदलेंगे हालात
इस संवेदनशील माहौल में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का बलूचिस्तान दौरा काफी अहम माना जा रहा है। उन्होंने ग्वादर और अन्य संवेदनशील इलाकों का दौरा किया और सुरक्षा बलों को जरूरी निर्देश दिए। प्रधानमंत्री ने स्थानीय प्रशासन से भी बातचीत की और बलूच नागरिकों को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की कि उनकी समस्याओं को हल किया जाएगा। शहबाज शरीफ ने अपने संबोधन में कहा,"हम बलूचिस्तान के लोगों की समस्याओं को समझते हैं और उनके समाधान के लिए प्रतिबद्ध हैं। आतंकवाद और अलगाववाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"
BLA का पलटवार - पाक सेना पर लगाए गंभीर आरोप
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तानी सेना पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सेना केवल दिखावे के लिए ऑपरेशन कर रही है और जमीनी सच्चाई छिपाई जा रही है। BLA के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तानी सेना बलूचिस्तान में आम नागरिकों के खिलाफ क्रूरता कर रही है। वे झूठे दावे कर रहे हैं कि उन्होंने हमारे लड़ाकों को हरा दिया है, लेकिन हकीकत यह है कि बलूच स्वतंत्रता संग्राम पहले से ज्यादा मजबूत हो रहा है। BLA का दावा है कि पाकिस्तानी सेना का ऑपरेशन पूरी तरह विफल रहा और उनके लड़ाके अब भी अपनी रणनीति के तहत आगे बढ़ रहे हैं।
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सरकार के सामने बड़ी चुनौतियाँ
बलूचिस्तान में हालात दिनोंदिन बिगड़ते जा रहे हैं और पाकिस्तान सरकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। सुरक्षा संकट, चीन-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर (CPEC) पर खतरा और पाक सरकार को स्थानीय समर्थन का अभाव जैसे संकट से पाकिस्तान सरकार परेशान है।
आगे क्या होगा?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि शहबाज शरीफ की इस यात्रा से क्या कोई ठोस समाधान निकलेगा या फिर यह सिर्फ एक औपचारिकता बनकर रह जाएगी? पाकिस्तानी सेना और सरकार बार-बार बलूच अलगाववाद को कुचलने की बात करती रही है, लेकिन हकीकत यह है कि बलूचिस्तान का संघर्ष हर साल और अधिक तीव्र होता जा रहा है।