नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। बांग्लादेश के हिंदू संत और सम्मिलित सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह और राष्ट्रीय ध्वज के अपमान जैसे गंभीर आरोपों के बावजूद बड़ी राहत मिली है।
बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी है। इसकी पुष्टि देश के प्रमुख अखबार द डेली स्टार ने की है।
चिन्मय कृष्ण दास पांच माह से बांग्लादेश की जेल में बंद थे। बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास के समर्थकों ने हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद खुशी जाहिर की है।
पिछले साल हुई थी गिरफ्तारी
चिन्मय कृष्ण दास, जो पहले इस्कॉन के वरिष्ठ नेता रह चुके हैं, को 25 नवंबर 2023 को ढाका एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने
बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल रहे। 2 जनवरी 2024 को चटगांव की अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया।फरवरी में, अदालत ने सरकार से पूछा था कि चिन्मय दास को जमानत क्यों नहीं दी जानी चाहिए।
'वह देशद्रोही नहीं हैं चिन्मय दास'
चिन्मय दास के वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य ने बताया कि उन्होंने अदालत में यह तर्क रखा कि उनके मुवक्किल मातृभूमि को अपनी मां की तरह मानते हैं और कभी भी राष्ट्रविरोधी कार्य नहीं कर सकते। इसके बावजूद निचली अदालत ने जमानत याचिका खारिज की थी। अब हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद चिन्मय कृष्ण दास को अस्थायी राहत जरूर मिली है, लेकिन मामला अभी भी अदालत में विचाराधीन है।
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