नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Shekh Hasina) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल (ICT) ने शेख हसीना और उनके सहयोगी को अदालत की अवमानना के एक मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उनके ऊपर न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप और धमकियां देने का आरोप है। दोनों को 15 मई तक नोटिस का जवाब देने का निर्देश दिया गया है। खास बात है कि ढाका के इस ट्रिब्यूनल की स्थापना शेख हसीना ने ही की थी।
शेख हसीना का वायरल ऑडियो क्लिप
सोशल मीडिया पर वायरल एक ऑडियो क्लिप के आधार पर यह आदेश पारित किया गया है। इस क्लिप में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कथित तौर पर ट्रिब्यूनल को धमकी दी थी। जानकारी के मुताबिक, वायरल क्लिप में शेख हसीना कह रहीं थीं, "मुझे 227 लोगों को मारने का लाइसेंस मिला है। मेरे खिलाफ 227 मामले दर्ज किए गए हैं।" आईसीटी अभियोजक के मुताबिक, जांच एजेंसी ने फोरेंसिक परीक्षण कराया और पुष्टि की कि आवाज शेख हसीना की है।
15 मई तक देना होगा जवाब
सरकारी समाचार एजेंसी BSS की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायमूर्ति गुलाम मुर्तजा मजूमदार की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण ने बुधवार को ऑडियो की सामग्री के आधार पर यह आदेश पारित किया, जिसके जरिए शेख हसीना ने न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया और न्यायाधिकरण को धमकियां दी थीं। अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल (ICT) के अभियोजक गाजी एम. एच. तमीम ने गुरुवार को कहा कि आईसीटी ने हसीना और प्रतिबंधित बांग्लादेश छात्र लीग (BCL) के नेता शकील आलम बुलबुल को 15 मई तक कारण बताओ नोटिस का जवाब देने का निर्देश दिया है।
शेख हसीना के खिलाफ कई गिरफ्तारी वारंट
आपको बता दें कि बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने शेख हसीना और उनके समर्थकों के खिलाफ कई गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। पिछले महीने बांग्लादेश के एक ट्रिब्यूनल ने 2013 में ढाका के शापला छत्तर में हुए कथित सामूहिक हत्याकांड के लिए पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (IGP) बेनजीर अहमद सहित चार अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
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