America news: अमेरिका के वॉल स्ट्रीट जर्नल के सनसनीखेज खुलासे से अमेरिका में खलबली मच गई है वहीं दुनिया की दो महाशक्तियों के बीच तनाव का एक नया आधार भी सामने आ गया है। टैरिफ को लेकर आमने-सामने दिखने के बाद अमेरिका और चीन के बीच तनाव अब खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है
साइबर हमले को लेकर चीनी कबूलनामा सामने आने के बाद अमेरिका और चीन के बीच तनाव और बढ़ सकता है, हालांकि मामले में अभी ट्रंप प्रशासन की प्रतिक्रिया आनी बाकी है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की चौंकाने वाली रिपोर्ट
वॉल स्ट्रीट जर्नल की चौंकाने वाली रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2024 में जिनेवा में हुई एक गुप्त बैठक में चीनी अधिकारियों ने
अमेरिकी सिस्टम पर साइबर हमलों की जिम्मेदारी चुपचाप स्वीकार ली!
इन हमलों में अमेरिका के बंदरगाह, एयरपोर्ट, जल आपूर्ति और संचार प्रणाली जैसे बेहद संवेदनशील ढांचे को निशाना बनाया गया था। इस साइबर हमले की वजह ताइवान को अमेरिकी का समर्थन के प्रति चीन की नाराजगी बताई गई है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने पहली बार इस तरह के हमले की बात कबूली है और आगे भी इस तरह के हमले करने की चेतावनी भी दी।
“वोल्ट टाइफून”: साइबर जंग का पहला वार!
अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने इस अभियान को “वोल्ट टाइफून” नाम दिया है, और इसे सीधे चीनी सेना से जोड़ा है। विशेषज्ञों का दावा है कि यह केवल एक टेस्ट रन था, मुख्य हमला तो अभी बाकी है!
बैठक में चीन ने खुले तौर पर नहीं, लेकिन साफ इशारों में कह दिया:"ताइवान के ऊपर से हाथ नहीं हटाया तो अमेरिका के सिस्टम को फिर से झटका लगेगा!
नई मुसीबत: "सॉल्ट टाइफून" का हमला जारी!
अब एक और साइबर मुसीबत सामने आई है, “सॉल्ट टाइफून”।अमेरिकी सांसदों ने चेतावनी दी है कि चीन अब भी अमेरिका के टेलीकॉम नेटवर्क में सेंध लगाने की कोशिश कर रहा है। इस सबके बीच, अमेरिका की साइबर सुरक्षा की हालत भी सवालों के घेरे में है। NSA के डायरेक्टर और उनके डिप्टी की बर्खास्तगी ने खलबली मचा दी है।क्या अमेरिका आने वाले साइबर हमलों के लिए तैयार है?