वाशिंगटन, वाईबीएन नेटवर्क।
अमेरिकी प्रशासन को फलस्तीन समर्थन कतई बर्दाश्त नहीं है। अमेरिकी प्रशासन अब तक फलस्तीन का समर्थन करने पर दो भारतीय के निर्वासन के साथ लगातार कार्रवाई कर रहा है। अब ताजा मामला अमेरिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट से दो कर्मचारियों की नौकरी जाने का है। इन दोनों कर्मचारियों पर माइक्रोसॉफ्ट के 50 वीं वर्षगांठ समारोह के दौरान विरोध प्रदर्शन करने का आरोप है। दोनों कर्मचारियों पर कंपनी ने सख्त कार्रवाई करते हुए उन्हें नौकरी से निकाल दिया है। दोनों कर्मचारियों ने कार्यक्रम के दौरान इस्राइली सेना को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) तकनीक देने को लेकर कंपनी की नीतियों का विरोध किया था।
माइक्रोसॉफ्ट की छवि को नुकसान का आरोप
माइक्रोसॉफ्ट ने एक कर्मचारी को बर्खास्त करते हुए कहा कि उसका उद्देश्य कंपनी की छवि को नुकसान पहुंचाना और कार्यक्रम में व्यवधान पैदा करना था। वहीं दूसरे कर्मचारी ने पहले ही इस्तीफे की घोषणा की थी, लेकिन उसे तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया गया।
जानिए चार दिन पुराना है मामला
4 अप्रैल को, जब AI प्रमुख मुस्तफा सुलेमान मंच पर AI उत्पादों की जानकारी दे रहे थे, तब एक कर्मचारी इब्तिहाल अबूसाद ने मंच की ओर बढ़ते हुए जोर से विरोध दर्ज कराया और इस्राइली सेना को AI तकनीक देने पर कंपनी की आलोचना की। उन्होंने मंच पर 'केफियेह' स्कार्फ भी फेंका, जो फिलीस्तीन के समर्थन का प्रतीक माना जाता है। बिल गेट्स, स्टीव बाल्मर और सीईओ सत्य नडेला की मौजूदगी में एक और कर्मचारी वानिया अग्रवाल ने विरोध जताया था।
पहले भी हुई हैं कार्रवाई
एक रिपोर्ट के अनुसार, इस्राइली सेना ने गाजा और लेबनान में हमलों के दौरान माइक्रोसॉफ्ट और ओपनएआई की AI तकनीक का उपयोग किया था। रिपोर्ट में 2023 के एक हवाई हमले का भी जिक्र है, जिसमें लेबनानी परिवार की तीन बच्चियों और उनकी दादी की जान गई थी। फरवरी में भी पांच कर्मचारियों को अनुबंधों का विरोध करने पर एक मीटिंग से बाहर निकाला गया था।