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Europe पर 1986 जैसी आपदा का खतरा! चेर्नोबिल न्यूक्लियर पावर प्लांट पर Russia's drone attack

यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने दावा किया कि रूसी ड्रोन ने चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र के क्षतिग्रस्त रिएक्टर के ऊपर स्थित रेडिएशन शेल्टर को निशाना बनाया। जेलेंस्की ने कहा कि हमले में प्लांट की नष्ट हो चुकी चौथी बिजली यूनिट की छत पर आग लग गई।

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Mukesh Pandit
Drone Attack

Photograph: (IANS)

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कीव, आईएएनएस। 

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यूक्रेनी राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने दावा किया कि रूसी ड्रोन ने चेर्नोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र के क्षतिग्रस्त रिएक्टर के ऊपर स्थित रेडिएशन शेल्टर को निशाना बनाया। जेलेंस्की ने कहा कि रात में हुए हमले में प्लांट की नष्ट हो चुकी चौथी बिजली यूनिट की छत पर आग लग गई, जिसे बुझा दिया गया। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि शुक्रवार सुबह तक प्लांट में विकिरण का स्तर नहीं बढ़ा था।जेलेस्की ने एक्स पर फुटेज पोस्ट की जिसमें एक विस्फोट और कंक्रीट और स्टील से बनी विशाल शील्ड का नुकसान दिखाई दे रहा है।

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विकिरण का स्तर सामान्य होने का दावा

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यह शील्ड रेडियोएक्टिव मटेरियल के रिसाव को रोकने के लिए डिजाइन की गई है। यह 275 मीटर (900 फीट) चौड़ी और 108 मीटर (354 फीट) ऊंची है और इसके निर्माण में $1.6 बिलियन की लागत आई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने कहा कि रात में हुए विस्फोट के कुछ ही मिनटों के भीतर अग्नि सुरक्षा कर्मियों और वाहनों ने प्रतिक्रिया दी।  एजेंसी ने कहा कि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। दुनिया भर में परमाणु सुरक्षा पर नज़र रखने वाली आईएईए ने कहा कि चेर्नोबिल के अंदर और बाहर विकिरण का स्तर सामान्य और स्थिर बना हुआ है।

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सबसे बड़ी त्रासदी

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चेर्नोबिल रिएक्टर में दुनिया की सबसे खतरनाक परमाणु दुर्घटना हुई थी। 26 अप्रैल 1986 एक भयावह विस्फोट ने हवा में रेडियोधर्मी पदार्थ का एक गुबार उड़ा दिया था, जिससे पूरे यूरोप में सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल लग गया था। यूक्रेन उस समय सोवियत यूनियन का हिस्सा था। इस हादसे में हजारों लोगों की मौत हो गई थी। तथा लाखों लोग विकिरण के प्रभाव में आकर अंधे और अपंग हो गए थे। \

इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (IAEA) ने भी इस हमले की पुष्टि की. IAEA ने कहा कि फायर सेफ्टी टीम कुछ ही मिनटों में घटनास्थल पर पहुंच गई थी। एजेंसी ने यह भी बताया कि हमले में कोई हताहत नहीं हुआ है और संयंत्र के अंदर और बाहर रेडिएशन का स्तर सामान्य बना हुआ है। IAEA के निदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने चेतावनी देते हुए कहा कि ‘ऐसे हमलों के बीच किसी तरह की लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है।’उन्होंने यह भी कहा कि एजेंसी हाई अलर्ट पर बनी हुई है।

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