ढाका, आईएएनएस।
बांग्लादेश के स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि इंटरनेशनल सेंटर फॉर डायरिया डिजीज रिसर्च, बांग्लादेश (ICDDR-B) के वैज्ञानिकों ने देश में जीका वायरस से संक्रमित पांच मामलों की पहचान की है। संक्रमित मरीजों से सैंपल 2023 में एकत्र किए गए थे और यह बांग्लादेश में जीका वायरस से संक्रमित मरीजों के पहले समूह की पहचान है।
बड़े पैमाने पर जांच की मांग
स्थानीय मीडिया के अनुसार, जीका वायरस के मामलों की पहचान ने बांग्लादेश में इस बीमारी के वास्तविक प्रभाव को जानने के लिए बड़े पैमाने पर देशव्यापी जांच की मांग की है। संक्रमित मरीज एक-दूसरे से एक किलोमीटर के दायरे में रहते थे और पिछले दो सालों में देश के बाहर यात्रा नहीं की थी।
एक में डेंगू वायरस भी मिला
पांच जीका वायरस से संक्रमित मरीजों में से एक को डेंगू वायरस भी था। यह बांग्लादेश में पहली बार ऐसा हुआ है जब दो वायरस का एक साथ संक्रमण पाया गया है। ऐसा माना जा रहा है कि यह वायरस शायद उन बांग्लादेशी प्रवासियों से फैला होगा जो दक्षिण एशिया के जीका वायरस प्रभावित देशों में काम कर रहे थे। ये मजदूर शायद संक्रमित हो गए और अपने समुदायों के भीतर और बाहर बांग्लादेश में वायरस फैला दिया।
पहले तीन मामले नाईजीरिया में मिले थे
आईसीडीडीआर ने सुझाव दिया कि अधिक निदान क्षमता विकसित की जानी चाहिए और राष्ट्रीय स्तर पर व्यवस्थित निगरानी से भविष्य में प्रकोप को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। जीका वायरस के पहले तीन मामले इंसानों में 1954 में नाइजीरिया में रिपोर्ट किए गए थे, अगले 50 साल की अवधि में केवल 12 इंसानों में संक्रमणों की छिटपुट रिपोर्टें सामने आईं।
2007 में दिखाया था भयानक रूप
2007 तक जीका वायरस ने अपना भयानक रूप नहीं दिखाया था, लेकिन उस साल पश्चिमी प्रशांत महासागर में फिलीपींस और पापुआ न्यू गिनी के बीच स्थित छोटे से याप द्वीप पर तीन-चौथाई आबादी में संक्रमण देखा गया था, इसके बाद 2013 में फ्रेंच पोलिनेशिया में इसका बड़ा प्रकोप हुआ। यह वायरस 2014 तक अफ्रीका और एशिया में एक संकीर्ण भूमध्यरेखीय पट्टी तक ही सीमित रहा, लेकिन फिर यह पूर्व की ओर फैलने लगा, पहले ओशिनिया और फिर दक्षिण अमेरिका तक पहुंच गया।
एडीज मच्छर के काटने से फैलता है
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार, जीका वायरस मुख्य रूप से एडीज प्रजाति के संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है। एडीज मच्छर आमतौर पर दिन के समय काटते हैं।