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Bangladesh in trouble: अपराधों से सहमे लोग...सवालों के घेरे में यूनुस सरकार

बांग्लादेश में अपराध दर खतरनाक दर से बढ़ रही है। पुलिस के आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी में हत्या, अपहरण, डकैती, सेंधमारी और चोरी के मामलों में देश भर में वृद्धि देखी गई। छात्र एक बार फिर सड़कों पर हैं।

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Vibhoo Mishra
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ढाका, वाईबीएन नेटवर्क। 

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बांग्लादेश में अपराध दर खतरनाक दर से बढ़ रही है। पुलिस के आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी में हत्या, अपहरण, डकैती, सेंधमारी और चोरी के मामलों में देश भर में वृद्धि देखी गई और आंकड़े पिछले छह वर्षों की तुलना में सबसे खराब है। 

सरकारी दावे झूठे 

स्थानीय मीडिया के अनुसार, यह आंकड़े अंतरिम सरकार के गृह मामलों के सलाहकार जहाँगीर आलम चौधरी के इस दावे के बिल्कुल विपरीत है कि बांग्लादेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति 'संतोषजनक' है।पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल जनवरी में अलग-अलग पुलिस थानों में कम से कम 294 हत्या के मामले दर्ज किए गए।

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क्या कहते हैं आंकड़े 

देश के प्रमुख अख़बार 'द डेली स्टार' की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले छह वर्षों के मासिक अपराध आकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि जनवरी 2025 में एक महीने में सबसे ज्यादा लूटपाट और डकैती की घटनाएं हुईं, जिसमें 242 घटनाएं दर्ज की गईं। पुलिस के आंकड़े यह भी बताते हैं कि पिछले साल दिसंबर और नवंबर में लूटपाट, डकैती, अपहरण की घटनाओं में भी पिछले पांच सालों में इन्हीं महीनों की तुलना में वृद्धि देखी गई।

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युनुस सरकार पर उठे सवाल 

सरकार के इस दावे की आलोचना करते हुए कि कानून और व्यवस्था सामान्य है, बांग्लादेश में अपराध विज्ञान के एक प्रोफेसर ने सवाल किया, "क्या ये अपराध, जो जनता में डर पैदा कर रहे हैं, वास्तव में संतुष्टि का संकेत हैं?" डेली स्टार ने प्रोफेसर के हवाले से कहा कि बांग्लादेश में लोग हत्या, चोरी, लूटपाट या डकैती का शिकार बनने के डर में जी रहे हैं। सरकार उदासीन है और उसे नहीं पता कि मौजूदा स्थिति से कैसे निपटा जाए।

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नहीं थमी हिंसक वारदातें 

एक अलग घटनाक्रम में, रविवार रात को ढाका के विभिन्न हिस्सों में कुछ ही घंटों के भीतर कई हिंसक अपराध की खबरें आईं। बदमाशों द्वारा बंदूकों और चाकूओं से निवासियों पर हमला करने के वीडियो वायरल हुए जिसके बाद कई लोगों ने कानून प्रवर्तन की नाकामी पर अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। ढाका के बाहर भी स्थिति उतनी ही अस्थिर बताई जा रही है, जहां कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब है। इससे नागरिकों में भय और असुरक्षा की भावना पैदा हो गई है, लोग बाहर निकलने से भी बच रहे हैं।

बढ़े महिला और बाल अपराध, छात्रों का Protest

महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा के मामलों में बढ़ोतरी से नाराज छात्रों ने अंतरिम सरकार की नाकामी के विरोध मार्च निकाला। रविवार को ढाका के कई प्रमुख कॉलेजों और विश्वविद्यालयों जैसे जगन्नाथ विश्वविद्यालय, ईडन कॉलेज, गवर्नमेंट टिटुमिर कॉलेज, यूनिवर्सिटी ऑफ लिबरल आर्ट्स बांग्लादेश (यूएलएबी) और बीआरएसी विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन हुए। इस दौरान छात्रों ने नारे लगाए, "सरकार जागो!", "चुप्पी तोड़ो, बलात्कारियों को सजा दो!", "हिंसा बंद करो, महिलाओं की रक्षा करो!" और "बलात्कारियों को फांसी दो!।" अपराधों को रोकने में प्रशासन की नाकामी को लेकर छात्रों ने बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकार से इस्तीफा देने की मांग की। छात्रों ने पिछले 48 घंटों में हुए बलात्कार की घटनाओं की चिंताजनक संख्या पर सरकार की आलोचना की और इसे अराजकता का उदाहरण बताया।

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