Advertisment

जानिए France पर क्यों भड़के Israel- America, मैक्रों ने कह दी बड़ी बात

फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के फिलिस्तीन को मान्यता देने के ऐलान के बाद इजरायल और अमेरिका बुरी तरह भड़क गए हैं। दोनों देशों ने मामले में तीखी प्रतिक्रिया दी है।

author-image
Dhiraj Dhillon
Benjamin Netanyahu, Macron and Marco Rubio
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00
नई दिल्ली, आईएएनएस। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने गुरुवार को ऐलान किया कि फ्रांस जल्द ही फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के तौर पर मान्यता देगा। राष्ट्रपति मैक्रों ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इसकी तस्दीक की। उनकी इस घोषणा पर इजरायल और अमेरिका बुरी तरह भड़क गए ‌हैं। मैक्रों ने एक्स पोस्ट में बताया था कि सितंबर में वो संयुक्त राष्ट्र महासभा की औपचारिक बैठक में फिलिस्तीन को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देंगे। फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने लिखा, "मध्य पूर्व में न्यायपूर्ण और स्थायी शांति के लिए अपनी ऐतिहासिक प्रतिबद्धता के तहत, मैंने फैसला किया है कि फ्रांस फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देगा। मैं सितंबर माह में इसकी औपचारिक घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा में करूंगा।" 

इजरायल ने दी यह तीखी प्रतिक्रिया 

इस घोषणा से इजरायल में तीखी प्रतिक्रिया हुई। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे "आतंक को पुरस्कृत करने वाला" कदम बताया और कहा कि यह इजरायल के लिए खतरा है। उन्होंने एक बयान में कहा, "यह फैसला आतंकवाद को इनाम देने जैसा है और यह गाजा जैसे एक और ईरानी समर्थित प्रॉक्सी को जन्म देगा। ऐसी स्थिति में एक फिलिस्तीनी राष्ट्र, इजरायल के साथ शांति से नहीं, बल्कि उसे मिटाने के लिए इस्तेमाल होगा।" 

जानिए अमेरिकी विदेश मंत्री ने क्या कहा

वहीं, अमेरिका के विदेश मंत्री (स्टेट ऑफ सेक्रेटरी) मार्को रुबियो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "अमेरिका संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की इमैनुएल मैक्रों की योजना को दृढ़ता से खारिज करता है। यह लापरवाह निर्णय केवल हमास के प्रॉपगेंडा को बढ़ावा देता है और शांति को बाधित करता है। यह 7 अक्टूबर के पीड़ितों के चेहरे पर एक तमाचा है।" 

फिलिस्तीन को मान्यता देने वाला पहला पश्चिमी देश 

मैक्रों का यह कदम फ्रांस को पहला प्रमुख पश्चिमी देश बनाएगा जो फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देगा। फ्रांस में यूरोप की सबसे बड़ी यहूदी और मुस्लिम आबादी रहती है। वर्तमान में 142 देश फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दे चुके हैं या देने की योजना बना रहे हैं। गाजा युद्ध, जो 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले से शुरू हुआ, के बाद कई देशों ने इस दिशा में कदम उठाए हैं। फिलिस्तीन ने फ्रांस के इस कदम का स्वागत किया है। पीएलओ के उपाध्यक्ष हुसैन अल-शीख ने कहा, "हम मैक्रों के इस निर्णय की सराहना करते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय कानून और फिलिस्तीनी जनता के अधिकार के प्रति फ्रांस की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।" 

मैक्रों बोले- गाजा में नागरिकों को बचाना प्राथमिकता

Advertisment
मैक्रों ने कहा कि गाजा में युद्ध को समाप्त करना और नागरिकों की मदद करना आज की सबसे बड़ी प्राथमिकता है। गाजा में मानवीय संकट गहराता जा रहा है, जहां विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भुखमरी को "मानव-निर्मित" बताया है। फ्रांस ने इसकी जिम्मेदारी इजरायली नाकेबंदी को दी, जिसे इजरायल ने खारिज किया। मैक्रों ने दो-राष्ट्र समाधान को बढ़ावा देने की बात कही, जिसमें फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता और इजरायल की सुरक्षा दोनों शामिल हैं। स्पेन, नॉर्वे, आयरलैंड और स्लोवेनिया ने भी गाजा युद्ध के बाद फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दी है। स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने मैक्रों के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि दो-राष्ट्र समाधान ही एकमात्र रास्ता है। 
France | Israel | america | gaza | israel gaza conflict
america gaza Israel israel gaza conflict France
Advertisment
Advertisment