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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नेगाजा शांति प्रस्ताव पेश होने के अगले ही दिन आतंकी संगठन हमास को एक सख्त चेतावनी जारी की है। जब उनसे पूछा गया कि अगर हमास शांति प्रस्ताव के तहत अपने हथियार नहीं छोड़ता तो अमेरिका क्या कदम उठाएगा, तो ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर हमास अपने हथियार नहीं छोड़ेगा तो अमेरिका उसे जबरन हथियार छुड़वाएंगे।
अमेरिका कड़ी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगा
ट्रंप ने कहा कि उनके करीबी लोगों से हमास ने वादा किया था कि वह हथियार छोड़ देगा, लेकिन अगर यह वादा पूरा नहीं होता है तो अमेरिका कड़ी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगा। उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि यह कार्रवाई हिंसक भी हो सकती है, लेकिन अमेरिका हमास की आतंकवादी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा।उ ट्रंप ने हमास को एक और चेतावनी देते हुए कहा कि वे कब्जे में लिए गए बंधकों को एक-एक करके रिहा करें और मारे गए लोगों के शव सौंपें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मानवता और शांति के लिए यह जरूरी कदम हैं।
हमास के उच्चस्तरीय नेताओं से बातचीत की
अमेरिका के मध्य पूर्व मामलों के प्रतिनिधि स्टीव विटकॉफ और ट्रंप के दामाद जारेड कुशनर इस मामले में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। दोनों ने ट्रंप की मंजूरी से शर्म अल-शेख में हमास के उच्चस्तरीय नेताओं से बातचीत की है ताकि शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके। इस बातचीत का उद्देश्य था हमास को हथियार छोड़ने के लिए राजी करना और क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करना। गाजा में जारी तनाव के बीच ट्रंप प्रशासन की यह कड़ी रुख स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक बड़ा संदेश माना जा रहा है। ट्रंप ने यह भी बताया कि वे हमास से लगातार संपर्क में हैं और स्थिति को शांति की ओर ले जाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
तनाव बढ़ने की भी आशंका
विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप की यह चेतावनी हमास पर दबाव बढ़ाने के साथ-साथ क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की अमेरिकी रणनीति का हिस्सा है। हालांकि, इस विवादित बयान ने क्षेत्र में तनाव बढ़ने की भी आशंका जताई गई है। अगर आप चाहें तो मैं इस खबर का और भी अधिक विस्तार कर सकता हूं, जैसे कि ऐतिहासिक संदर्भ, अन्य देशों की प्रतिक्रियाएं, या गाजा विवाद के राजनीतिक पहलू आदि।