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चीन और भारत के बीच हुई बातचीत के बाद 2020 से रुकी हुई कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का फैसला लिया गया। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच, बीते सोमवार को सीधी हवाई सेवाएं दोबारा शुरू करने पर सैद्धांतिक रूप से सहमति बन गई है।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक,भारत और चीन के लोगों के बीच संबंधों को और बढ़ावा देने के लिए उचित कदम उठाए गए हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक,कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 की गर्मियों से शुरू होगी।
गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद
आपको बता दें कि जून 2020 में पेंगोंग त्सो झील और गलवान घाटी में भारत-चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच आपसी संबंध खराब हो गए थे। इसके चलते आए दिन भारत और चीन के बीच की तकरार की खबरें सुर्खियों में बनी रहीं, वहीं फिर डोकलाम में हुए विवाद के बाद चीन ने मानसरोवर यात्रा पर पूरी तरह से रोक लगा दिया था। 5 साल के बाद दोनों देशों के बीच जमी बर्फ पिघलती हुई नजर आ रही है। कैलाश मानसरोवर यात्रा के शुरू होने की खबर से श्रद्धालुओ में उत्साह है।
मोदी ने भारत-चीन के बीच सुधारे रिश्ते
हालांकि विदेश मंत्रालय भारत-चीन के बीच सुधरते रिश्ते की पटकथा को ब्रिक्स समिट से जोड़ रहें हैं। मंत्रालय के मुताबिक रूस के कजान शहर में ब्रिक्स समिट के दौरान पि.एम. मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के दौरान मानसरोवर यात्रा, सीमा पर बढ़ते तनाव और डायरेक्ट फ्लाईट को समेत कई मुद्दो पर चर्चा हुई थी। भारतीय विदेश मंत्रालय का ऐसा मानना है कि कैलाश मानसरोवर यात्रा की फिर से बहाली और सीधी उड़ानों को शुरू होने के पीछे पीएम मोदी और शी जिनिपंग के बीच मुलाकात ही है।
हालांकि, आलचको का ऐसा कहना है कि अगर रूस में हुई पि.एम. मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बीच हुई मुलाकात से रिश्ते सुधरे हैं तो चीन ने सिमा विवाद के सुधारने के लिए अपना सेना को पीछे क्यों नहीं करता है।