वाशिंगटन, वाईबीएन डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने का श्रेय लूटने की कोशिश की और कहा कि कोई भी युद्ध विनाशकारी हो सकता है। युद्ध में कई लोगों की जान जा सकती थी। ऐसे में दोनों देशों ने संघर्ष विराम का फैसला लेकर बेहतर फैसला किया। ट्रंप ने कहा. मुझे गर्व है कि भारत और पाकिस्तान को ऐतिहासिक और साहसिक निर्णय तक पहुंचने में मदद करने में अमेरिका सक्षम रहा। Ceasefire | india ceasefire | kashmir ceasefire | pakistan ceasefire | trump ceasefire
सोशल मीडिया पर मैसेज लिखकर दी थी जानकारी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ही अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, "अमेरिकी की मध्यस्थता में रात में बहुत देर तक हुई बातचीत के बाद, मुझे यह एलान करते हुए खुशी है कि भारत और पाकिस्तान पूर्ण और त्वरित संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं। कॉमन सेंस और गजब की बुद्धिमत्ता दिखाने के लिए दोनों देशों को बधाई। इस मुद्दे पर ध्यान देने के लिए आपका शुक्रिया।"
कहा, "48 घंटे की मशक्कत का नतीजा है ये संघर्ष विराम"
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने दोनों देशों के बीच अमेरिका ने तुरंत पूर्ण संघर्ष विराम की कैसे कराया गया, इसका दावा है। अपने एक्स अकाउंट पर रुबियो ने लिखा, "पिछले 48 घंटे से उपराष्ट्रपति वैंस और मैं भारत और पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संपर्क में थे, इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शहबाज शरीफ, विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर, सेना प्रमुख आसिम मुनीर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और आसिम मलिक भी थे।
रोबिया ने कहा, सीजफायर का अच्छा फैसला
रोबियो ने लिखा मुझे यह एलान करते हुए खुशी है कि भारत और पाकिस्तान की सरकारें तुरंत संघर्ष विराम और तटस्थ जगह पर कई मुद्दों पर बातचीत शुरू करने पर सहमत हुई हैं. हम शांति का रास्ता चुनने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री शरीफ की बुद्धि, विवेक, अद्भुत नेतृत्व कला की सराहना करते हैं।" इसके बाद ही भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस कांफ्रेंस करके सीजफायर की पुष्टि कर दी थी।
भारतीय विदेश सचिव ने यह भी बताया कि दोनों देशों के अधिकारी 12 मई को आपस में बातचीत करेंगे। भारत ने दावा किया है कि वह भविष्य में किसी भी आतंकवादी हमले को युद्ध की कार्रवाई मानेगा। नई दिल्ली के इस रुख से साफ है कि भविष्य में दोनों देशों की बीच जो भी बातचीत होगी, उसमें इस बात को केंद्र बिंदु की तरह रखा जाएगा।