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मोटी रकम, जान की बाजी, जोखिम भरे रास्ते... आखिर क्या है 'Donkey Route'

अवैध तरीके विदेश जाने के लिए जो रास्त अपनाया जाता है उसे डंकी रूट कहते हैं। डंकी शब्द पंजाबी भाषा के 'डंकी' से आया है, जिसका अर्थ एक स्थान से दूसरे स्थान पर कूदना होता है। सीमा नियंत्रण से बचने के लिए यह एक जोखिम भरी और लंबी यात्रा होती है।

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Vivek Sharma
TRUMP AND PLANE
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।

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अमेरिका से निर्वासित किए गए 100 से ज्यादा भारतीय प्रवासियों को लेकर अमेरिकी विमान सी-17 आज दोपहर अमृतसर पहुंच गया।  विमान से उतरे लोगों में 104 भारतीय शामिल हैं। इनमें 72 पुरुष, 19 महिलाएं और 13 बच्चे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, 30 लोग पंजाब के निवासी बताए जा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, निर्वासित लोगों में वे लोग भी शामिल हैं जिन्होंने लाखों रुपये खर्च करके डंकी रूट अपनाकर या अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश किया था। 

आखिर क्या है डंकी रूट?

इस वाकये से लोगों के जेहन में एक उठता होगा कि आखिरकार डंकी रूट क्या है? वास्तव में अवैध तरीके विदेश जाने के लिए जो रास्त अपनाया जाता है उसे ही डंकी रूट कहते हैं। डंकी शब्द पंजाबी भाषा के 'डुंकी' से आया है, जिसका अर्थ एक स्थान से दूसरे स्थान पर कूदना होता है। सीमा नियंत्रण से बचने के लिए यह एक जोखिम भरी और लंबी यात्रा होती है। इसमें खराब मौसम, भूख, बीमारी, दुर्व्यवहार और कभी-कभी मौत का भी सामना करना पड़ता है। इसी बात से डंकी रूट जन्मा जिसका इस्तेमाल करते हुए लोग भारत से अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन जैसे तमाम देशों में पहुंच जाते हैं। 

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भारी भरकम धनराशि दी जाती

इस रूट से विदेश जाने की चाह रखने वाले मानव तस्करों को अच्छी खासी रकम चुकाते हैं।  यह रकम लाखों में होती है। ऐसा करने के लिए लोग ट्रैवल एजेंटा क सहारा लेते हैं और अवैध दस्तावेज तैयार कराते हैं। कई बार इस रूट का लाभ लेते हुए खूंखार अपराधी भी बड़ी वारदातों को अंजाम देकर देश छोड़कर निकल जाते हैं। दिसंबर 2023 में डंकी रूट तब सुर्खियों में आया था जब फ्रांस ने दुबई से निकारागुआ जा रहे 303 भारतीय यात्रियों वाले एक चार्टर विमान मानव तस्करी के संदेह में रोक दिया था। इनमें से ज्यादातर को वापस भारत भेज दिया गया था। डंकी रूट से यात्रा करने के लिए हाल के दिनों में फीस बढ़ गई है। कोई भी व्यक्ति अमेरिका पहुंचने के लिए 45-50 लाख रुपये का भुगतान करता है, जबकि वहां पहुंचने की कोई गारंटी नहीं है।

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इस राज्य के सबसे ज्यादा लोग फंसे

लोग भली भांति ये जानते हैं कि डंकी रूट पूरी तरह से गलत और खतरनाक है लेकिन अमेरिका में अच्छे जीवन की चाह में लोग यह जोखिम उठा लेते हैं फिर उनके साथ वो कुछ भी हो सकता है जिसती कल्पना भी नहीं की जा सकती है। ट्रैवल एजेंट अमेरिका को लेकर ऐसे सब्जबाग दिखाते हैं कि वे उनके जाल में फंस जाते हैं। भारत में केरल. तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात के युवा झांसे में आ जाते हैं। पंजाब और हरियाणा के लोग भी जान की परवाह किए बगैर डंकी रूट का इस्तेमाल करते हैं। 

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'डंकी रूट' का ये होता है रूट

डंकी रूट' से विदेश जाने वालों को अलग-अलग मार्गों से पहुंचाया जाता है। कुछ समय पहले डंकी रूट से अमेरिका जाने वाले भारतीयों के बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, जो डंकी रूट अपनाकर अमेरिका गए थे, उनके परिवारों ने बताया था कि मानव तस्कर दिल्ली और मुंबई से प्रवासियों को टूरिस्ट वीजा पर यूएई ले जाते हैं। वहां से उन्हें वेनेजुएला, निकारागुआ और ग्वाटेमाला जैसे लैटिन अमेरिका के कई ट्रांजिट बिंदुओं से होकर अमेरिका-मेक्सिको सीमा तक पहुंचाया जाता है। वहां इन लोगों को हैंडलर की ओर से यह भी बताया जाता है कि सीमा पार करते समय पकड़े जाने पर कैसे उत्पीड़न का हवाला देकर शरण का दावा किया जाए। 

नावों, शिपिंग कंटेनर का लेते हैं सहारा

अमेरिकी बॉर्डर तक इन्हें पहुंचाने के लिए तस्कर और एजेंट्स दूसरे रास्ते का भी इस्तेमाल करते हैं। ये रास्ता यूरोपीय यूनियन के शेनगेन इलाके से होकर जाता है। यहां से ये अवैध प्रवासी नावों, शिपिंग कंटेनर में बैठकर और कुछ पैदल लैटिन अमेरिकी रूट तक पहुंचते हैं। फिर यहां से घुसपैठ की उन जगहों या प्वाइंट तक का सफर करते हैं। बहुत सारे सीमा पार करते समय पकड़े जाते हैं लेकिन इनके पास अमेरिकी सुरक्षा गार्डों को दिखाने और बताने के लिए फर्जी दस्तावेज और झूठी कहांनियां होती हैं। ये शरण पाने के लिए उनसे विनती और अनुरोध करते हैं।

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कनाडा रूट से घुसपैठ में आई तेजी

एक बड़ी बात यह भी है कि अमेरिका में दाखिल होने के लिए ये प्रवासी मोटी रकम खर्च करते हैं। एजेंट और तस्कर इसके लिए इनसे 50 से 85 लाख रुपए तक चार्ज करते हैं। यह भी देखा गया है कि सीमा पार कराने के लिए एजेंट और तस्कर मैक्सिको रूट से ज्यादा कनाडा रूट का इस्तेमाल कर रहे हैं। रिपोर्टों के अनुसार हाल के वर्षों में कनाडा बॉर्डर से जितनी घुसपैठ हुई उसमें भारतीयों की संख्या करीब 22 फीसद है। इस आंकड़े को देखें तो साल 2023 में कनाडा बॉर्डर पर 30 हजार 10 भारतीय और मैक्सिको बॉर्डर पर 41 हजार सात सौ सत्तर भारतीय रोके और पकड़े गए।

सात लाख 25 हजार अवैध भारतीय प्रवासी

रिपोर्टों की मानें तो अवैध तरीके से अमेरिका में भारतीयों के दाखिल होने का सिलसिला आज का नहीं है, यह दशकों पुराना है। हां, शुरुआत में यह संख्या कम जरूर थी, लेकिन बीते दशकों में इसमें काफी तेजी आ गई। एक रिपोर्ट कहती है कि अमेरिका में सात लाख 25 हजार अवैध भारतीय प्रवासी हैं जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं है। हालांकि, यह संख्या अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले लोगों की तुलना में काफी कम है। अमेरिका में जितने अवैध प्रवासी अभी हैं, उसमें अवैध भारतीयों की संख्या केवल तीन प्रतिशत है। 

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