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Iran-Israel Tensions: भारतीय नागरिकों के लिए फिर एडवाइजरी, क्या हैं इसके मायने?

भारत ने ईरान-इसरायल तनाव के मद्देनजर अपने नागरिकों को तेहरान तुरंत छोड़ने की सख्त एडवाइजरी जारी की। यह कदम क्षेत्र में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है, जो भारत की सतर्क विदेश नीति का संकेत है।

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Ajit Kumar Pandey
Iran-Israel Tensions: भारतीय नागरिकों के लिए फिर एडवाइजरी, क्या हैं इसके मायने? भारत ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर | यंग भारत न्यूज

Iran-Israel Tensions: भारतीय नागरिकों के लिए फिर एडवाइजरी, क्या हैं इसके मायने? भारत ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर | यंग भारत न्यूज

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क । ईरान और इसरायल के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर भारत सरकार ने अपने नागरिकों के लिए एक सख्त एडवाइजरी जारी की है, जिसमें उन्हें तुरंत तेहरान छोड़ने की सलाह दी गई है। यह कदम क्षेत्र में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को देखते हुए उठाया गया है और इसके गहरे मायने हैं। इस एडवाइजरी से न केवल ईरान में रह रहे भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है, बल्कि यह भारत की विदेश नीति में एक सतर्क और संवेदनशील रुख का भी संकेत है।

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भारतीय विदेश मंत्रालय ने यह एडवाइजरी ऐसे समय में जारी की है जब ईरान और इसरायल के बीच संघर्ष एक गंभीर मोड़ ले चुका है। दोनों देशों के बीच हालिया सैन्य गतिविधियों ने मध्य पूर्व में अस्थिरता को और बढ़ा दिया है। इस स्थिति को देखते हुए, भारत सरकार ने अपने नागरिकों को अनावश्यक यात्रा से बचने और जो लोग पहले से वहां मौजूद हैं, उन्हें तुरंत लौटने का निर्देश दिया है। यह एडवाइजरी बताती है कि सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और किसी भी अप्रत्याशित स्थिति के लिए तैयार रहना चाहती है। 

ईरान में भारतीय दूतावास ने उन सभी भारतीय नागरिकों से अनुरोध किया है जो तेहरान में हैं और दूतावास के संपर्क में नहीं हैं कि वे तुरंत दूतावास से संपर्क करें और अपना स्थान और संपर्क नंबर प्रदान करें। संपर्क नंबर +989010144557, +989128109115 और +989128109109 हैं।

क्यों जारी हुई यह सख्त एडवाइजरी?

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यह सख्त एडवाइजरी कई कारणों से जारी की गई है। सबसे पहले, ईरान और इसरायल के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। ईरान ने इसरायल पर कई बार ड्रोन और मिसाइल हमले किए हैं, जिसके जवाब में इसरायल ने भी जवाबी कार्रवाई की है। ऐसी स्थिति में, तेहरान जैसे प्रमुख शहरों में नागरिकों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। भारत सरकार किसी भी संभावित खतरे से अपने नागरिकों को बचाना चाहती है।

दूसरे, मध्य पूर्व में सुरक्षा परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। किसी भी समय स्थिति और बिगड़ सकती है, जिससे भारतीय नागरिकों को वहां से निकालना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए, पहले से ही सावधानी बरतना और उन्हें सुरक्षित वापसी के लिए प्रेरित करना बुद्धिमानी है। यह एडवाइजरी भारत की दूरदर्शिता को दर्शाती है और बताती है कि वह क्षेत्रीय भू-राजनीति पर बारीकी से नजर रख रहा है।

तीसरे, यह एडवाइजरी भारत के लिए एक कूटनीतिक संतुलन बनाने का भी प्रयास है। भारत के दोनों देशों के साथ अच्छे संबंध हैं, लेकिन जब नागरिकों की सुरक्षा की बात आती है, तो भारत किसी भी जोखिम को उठाना नहीं चाहता। यह दिखाता है कि भारत अपनी तटस्थता बनाए रखते हुए भी अपने लोगों के प्रति जवाबदेह है। ईरान-इसरायल संघर्ष के बीच, भारत की यह पहल उसकी मानवीय प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।

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भारतीय नागरिकों को सरकार की एडवाइजरी

इस सख्त एडवाइजरी के तहत, ईरान में रह रहे भारतीय नागरिकों को कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की सलाह दी गई है। सबसे पहले, उन्हें तेहरान से तुरंत बाहर निकलने पर विचार करना चाहिए। जो लोग वहां रहना चाहते हैं, उन्हें भारतीय दूतावास के साथ लगातार संपर्क में रहने और अपनी यात्रा योजनाओं के बारे में जानकारी देने की सलाह दी गई है। दूतावास आपातकालीन स्थिति में सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।

इसके अलावा, भारतीय नागरिकों को स्थानीय सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करने, भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने और अनावश्यक यात्रा से दूर रहने का निर्देश दिया गया है। उन्हें अपने पासपोर्ट और यात्रा दस्तावेजों को हमेशा तैयार रखने के लिए भी कहा गया है। यह सलाह इसलिए दी गई है ताकि किसी भी आपात स्थिति में वे जल्द से जल्द और सुरक्षित रूप से निकल सकें।

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भारत की विदेश नीति पर असर

यह एडवाइजरी भारत की विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण संकेत है। भारत हमेशा से शांति और स्थिरता का समर्थक रहा है, लेकिन अपने नागरिकों की सुरक्षा उसके लिए सर्वोपरि है। यह कदम दिखाता है कि भारत संकटग्रस्त क्षेत्रों में अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए सक्रिय रूप से कदम उठाता है। ईरान-इसरायल संघर्ष का प्रभाव केवल इन दो देशों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे विश्व पर पड़ सकता है, जिसमें भारत भी शामिल है।

भारत की यह पहल उसे एक जिम्मेदार वैश्विक खिलाड़ी के रूप में भी प्रस्तुत करती है, जो न केवल अपने हितों की रक्षा करता है, बल्कि अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। यह मध्य पूर्व में भारत की बढ़ती भूमिका और उसके कूटनीतिक कौशल को भी दर्शाता है। यह स्पष्ट है कि भारत स्थिति पर गंभीरता से नजर रख रहा है और किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सक्रिय कदम उठा रहा है।

क्या आप इस सख्त एडवाइजरी से सहमत हैं? क्या आपको लगता है कि भारत ने सही समय पर यह कदम उठाया है? कमेंट करके अपनी राय साझा करें!

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