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सियोल, वाईबीएन डेस्क: उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चीन में एक दूसरे से मुलाकात कर दीर्घकालिक सहयोग की योजनाओं पर बात की, जिससे अमेरिका की चिंता बढ़ सकती है। यह बैठक चीन की सैन्य परेड की पृष्ठभूमि में हुई, जिसमें दोनों नेता राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मौजूद थे। केसीएनए ने गुरुवार को इस जानकारी की पुष्टि की।
तीनों नेताओं की एकजुटता का संदेश
80वीं वर्षगांठ से जुड़े आयोजन में, किम और पुतिन ने एक साथ मंच साझा करके बहुपक्षीय कूटनीतिकता में अपनी एकजुटता का संदेश दिया, जिसे अमेरिका के विरोध के संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है। यह पहली बार था जब तीनों नेता शी, किम और पुतिन वो एक समारोह में एक साथ नजर आए केसीएनए की रिपोर्ट के अनुसार, किम और पुतिन ने दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक सहयोग की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा की और द्विपक्षीय रिश्तों को आगे मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की।
एकजुट सैन्य समर्थन
पुतिन ने कहा कि रूस हमेशा वे सैनिकों की बलिदानी भूमिका को याद रखेगा, जिन्हें किम की पहल पर यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद के लिए भेजा गया था। किम ने उत्तर कोरिया की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा में रूस को पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया, साथ ही इसे अपना ‘भाईचारे का कर्तव्य’ बताया। उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया हमेशा रूस के साथ खड़ा रहेगा।
सैन्य सहयोग और तैनाती
सार्वजनिक रूप से ज्ञात है कि उत्तर कोरिया ने रूस को हथियारों, गोला-बारूद के साथ-साथ सैनिकों की तैनाती भी की है। दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी (NIS) के अनुसार, लगभग 2,000 सैनिक युद्ध में मारे जा चुके हैं, और अगले दौर में 6,000 और सैनिक भेजे जा सकते हैं। यह तैनाती रूस से सहयोग को चिन्हित करती है।मॉस्को टाइम्स के अनुसार, यह दोनों नेताओं की पहली आमने-सामने की मुलाकात नहीं थी उनकी पिछली वार्ता पिछले वर्ष की इमारत थी लेकिन इस बैठक ने और अधिक गहन कूटनीतिक मार्ग खोलने की तैयारी दर्शाई। पुतिन ने इस मुलाकात के अंत में किम को मॉस्को आने का निमंत्रण भी दिया, जिसे उत्तर कोरियाई मीडिया ने उल्लेख नहीं किया।
इनपुट- IANS
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