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लंदन, वाईबीएन डेस्क।लंदन में दो अलग-अलग विरोध प्रदर्शन रैलियों से पुलिस की सांसे फूली रही।लंदन में आप्रवासन और इस्लाम विरोधी कार्यकर्ता टामी राबिन्सन के नेतृत्व में एक लाख से अधिक प्रदर्शनकारियों ने मार्च निकाला। यह हाल के समय में सबसे बड़ा प्रदर्शन था। राबिन्सन के मार्च के विरोध में भी लगभग 5000 लोगों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री कीएर स्टार्मर की आलोचना करते हुए नारे लगाए। इस मार्च में कई लोग अमेरिका ग्रेट अगेन्स का स्लोगन लिखी टोपियां भी पहने हुए थे। रॉबिन्सन को दक्षिणपंथी समूह का प्रमुख नेता माना जाता है।
पीएम स्टार्मर की आलोचना करते हुए लगाए नारे
प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री कीएर स्टार्मर के विरोध में नारे लगा रहे थे। वह हाथों में तख्तियां लिए हुए थे, जिनमें से लिखा था, ''उन्हें वापस घर भेजो''। कुछ लोग अपने बच्चों को भी साथ लाए थे। रॉबिन्सन का असली नाम स्टीफन याक्सली-लेनन है। वह खुद को सरकारी भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले पत्रकार बताते हैं। वह अमेरिकी अरबपति एलन मस्क को अपने समर्थकों में से मानते हैं।
"यूनाइट द किंगडम" के विरोध में "स्टैंड अप टू रेसिज्म"
पुलिस ने बताया कि रॉबिन्सन के मार्च के "यूनाइट द किंगडम" के विरोध में "स्टैंड अप टू रेसिज्म" विरोध प्रदर्शन निकाला गया, जिसमें हजारों लोग सम्मिलित हुए। कई स्थानों पर दोनों प्रदर्शनकारी आमने-सामने आ गए, जिससे टकराव की नौबत पैदा हो गई। "यूनाइट द किंगडम" रैली में शामिल सैंड्रा मिशेल ने कहा कि हम अपना देश वापस चाहते हैं, हम अभिव्यक्ति की आजादी की बहाल करना चाहते हैं। देश में हो रहे अवैध प्रवास को रोकने जरूरी है। इसीलिए हम टॉम राबिन्स पर भरोसा करते हैं। दरअसल, यह मार्च ब्रिटेन में प्रवासियों के होटलों के बाहर विरोध प्रदर्शन के साथ शुरु हुआ, इसमें शामिल लोग यूनियन जैक और लाल-सफेद सेंट जॉर्ज क्रास झंडे लहरा रहे थे।
रिफॉर्म यूके ने रॉबिन्सन से बनाई दूरी
ब्रिटेन की सबसे बड़ी प्रवासी-विरोधी राजनीतिक पार्टी रिफॉर्म यूके ने रॉबिन्सन से दूरी बनाए रखी है। रैली में शामिल एक समर्थक सैंड्रा मिशेल ने कहा कि हम अपना देश वापस चाहते हैं, अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को फिर से पटरी पर लाना चाहते हैं। इस देश में अवैध प्रवास को रोकना होगा। हमें टामी पर विश्वास है।उधर, मेट्रोपॉलिटन पुलिस को पूरे दिन झड़पों को रोकने के लिए कई बार हस्तक्षेप करना पड़ा, जिसमें "यूनाइट द किंगडम" प्रदर्शनकारियों को दोनों विरोध प्रदर्शनों के बीच बनाए गए क्षेत्रमें प्रवेश करने, पुलिस का घेरा तोड़ने या विरोधी समूहों के पास जाने से रोकना शामिल था।
प्रदर्शनकरियों का पुलिस पर हमला
दोनों प्रदर्शनों के एक साथ होने की वजह से पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस ने बताया है कि प्रदर्शनों के दौरान कई अधिकारियों पर हमला किया गया। स्थिति पर नियंत्रण के लिए घुड़सवार पुलिस भी तैनात की गई थी। इस दौरान उन होटलों के सामने भी प्रदर्शन किए गए, जिसमें प्रवासी ठहरते हैं।
कौन है टॉमी ऱॉबिन्सन
टॉमी रॉबिन्सन, जिनका असली नाम स्टीफन याक्सली-लेनन है, ने "यूनाइट द किंगडम" मार्च को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उत्सव के रूप में प्रस्तुत किया। इस रैली में कार्यकर्ताओं ने अमेरिकी रूढ़िवादी नेता चार्ली किर्क की हाल ही में हुई मौत पर शोक व्यक्त किया, जिनकी इस सप्ताह की शुरुआत में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एक्स पर एक संदेश में, रॉबिन्सन ने कहा, "अपनी आज़ादी के लिए एकजुट होने के लिए लाखों लोग पहले से ही मध्य लंदन की सड़कों पर उमड़ पड़े हैं।"रॉबिन्सन खुद को एक पत्रकार बताते हैं जो सरकारी गड़बड़ियों को उजागर करते हैं और अमेरिकी अरबपति एलन मस्क जैसे प्रभावशाली लोगों को अपने समर्थकों में गिनते हैं।
तेजी से बढ़ रहा है राष्ट्रवाद
पिछले शनिवार को ही पुलिस ने विरोध समूह फिलिस्तीन एक्शन पर सरकार के प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शन में लगभग 900 लोगों को गिरफ्तार किया था।लाल और सफ़ेद अंग्रेज़ी झंडे सड़कों पर तेज़ी से दिखाई दे रहे हैं और देश भर की सड़कों पर इन्हें रंगा गया है। जहाँ समर्थक इसे राष्ट्रीय गौरव का स्वाभाविक प्रदर्शन बता रहे हैं, वहीं नस्लवाद-विरोधी कार्यकर्ताओं का तर्क है कि ये झंडे विदेशियों के प्रति शत्रुता का संदेश देते हैं। ब्रिटेन में आव्रजन विरोधी लहर तेजी से फैल रही है। london news | London Police | london protest