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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों ब्रिटेन के दो दिवसीय दौरे पर हैं। इस अहम यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement - FTA) पर हस्ताक्षर होना तय माना जा रहा है। यह समझौता भारत और ब्रिटेन के आर्थिक, रणनीतिक और कूटनीतिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। कुल मिलाकर भारत-ब्रिटेन एफटीए न केवल आर्थिक मोर्चे पर दोनों देशों के लिए लाभकारी होगा, बल्कि इससे रणनीतिक और कूटनीतिक साझेदारी भी मजबूत होगी। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत को वैश्विक व्यापारिक मंच पर एक और मजबूत मुकाम दिला सकती है।
भारत-ब्रिटेन FTA: क्या है समझौते की खासियत?
इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के बीच व्यापार को सरल और निष्कंटक बनाना है। इसके तहत कई वस्तुओं और सेवाओं पर टैरिफ घटाया जाएगा, जिससे आयात-निर्यात में भारी बढ़ोतरी की संभावना है। ‘द गार्जियन’ की रिपोर्ट के अनुसार, भारत से ब्रिटेन भेजी जाने वाली 99% वस्तुओं पर कोई आयात शुल्क नहीं लगेगा। इससे टेक्सटाइल, जेम्स एंड ज्वेलरी, फार्मा और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों को लाभ मिलेगा। भारत के आईटी, फाइनेंस और एजुकेशन जैसे पेशेवर सेवा क्षेत्र ब्रिटिश बाजार में तेजी से विस्तार कर सकेंगे। ब्रिटेन का मजबूत डिजिटल और फाइनेंशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर भारत के लिए बड़ा अवसर बनेगा। एफटीए के तहत योग प्रशिक्षक, शेफ, और अन्य स्वतंत्र पेशेवरों को वीजा और सेवा नियमों में रियायत दी जाएगी। ब्रिटेन में कार्यरत भारतीय पेशेवरों को सामाजिक सुरक्षा में तीन वर्षों तक छूट मिलेगी। इससे भारतीय कंपनियों को सालाना लगभग ₹4,000 करोड़ की बचत होने की संभावना है।
भारत को क्या होगा फायदा?
- 99% निर्यात वस्तुओं पर टैरिफ शून्य
- सेवा क्षेत्र को मिलेगा बूस्ट
- श्रम आधारित सेक्टर को मिलेगा अवसर
- सामाजिक सुरक्षा योगदान से छूट
ब्रिटेन को क्या होगा लाभ?
- 90% उत्पादों-सेवाओं पर टैरिफ में राहत
- ब्रिटिश स्कॉच व्हिस्की, कारें, मेडिकल उपकरण, फार्मा उत्पाद और चॉकलेट जैसे उत्पादों पर भारत टैरिफ को चरणबद्ध तरीके से घटाएगा।
- स्कॉच पर टैक्स 150% से घटाकर 40% तक लाया जाएगा।
- भारतीय बाजार में निवेश के अवसर
- ब्रिटिश कंपनियों को भारत के असंवेदनशील क्षेत्रों में निवेश की छूट दी जाएगी।
- सरकारी टेंडर और निर्माण, बैंकिंग, बीमा, लॉ फर्म, अकाउंटिंग जैसे क्षेत्रों में हिस्सेदारी मिल सकेगी।
भारत ने किन क्षेत्रों को FTA से बाहर रखा?
- कृषि और डेयरी उत्पाद
- सेब, चीज, ओट्स, खाद्य तेल
- प्लास्टिक, चांदी, हीरे
- स्मार्टफोन, टीवी कैमरा, ऑप्टिकल फाइबर
- कुछ पेट्रोलियम और केमिकल उत्पाद
कितना बढ़ेगा दोनों देशों का व्यापार?
- वर्तमान व्यापार (2024): £42.6 अरब (~ ₹4.9 लाख करोड़)
- एफटीए लागू होने के बाद लक्ष्य (2040 तक): सालाना £25.5 अरब की वृद्धि
- 2030 तक व्यापार का अनुमान: £120 अरब
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