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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क:पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में पूर्ण बंद और चक्का जाम के दौरान हिंसक घटनाओं के चलते 100 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी पाकिस्तानी अखबार डॉन को एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दी। क्वेटा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मुहम्मद बलूच ने बताया कि जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, उन पर धारा 144 का उल्लंघन करने, बाजारों को जबरन बंद कराने और राजमार्गों को बाधित करने जैसे आरोप हैं।
रैली में हुए आत्मघाती हमले के विरोध में किया था बंद का आह्वान
ये गिरफ्तारियां उस समय हुईं जब छह विपक्षी दलों ने बलूचिस्तान नेशनल पार्टी-मेंगल (BNP-M) की एक रैली में हुए आत्मघाती हमले के विरोध में सोमवार 8 सितंबर को बंद का आह्वान किया था। यह रैली क्वेटा के शाहवानी स्टेडियम में आयोजित की गई थी, जिसमें हुए विस्फोट में 15 लोगों की मौत हो गई थी और 38 अन्य घायल हुए थे। यह कार्यक्रम बीएनपी-एम के संस्थापक और बलूचिस्तान के पूर्व मुख्यमंत्री सरदार अताउल्लाह मेंगल की चौथी पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित किया गया था।
पाकिस्तान सरकार पर लगाया मावाधिकारों के उल्लंघन का आरोप
इस हमले के बाद से बलूच समुदाय में आक्रोश है। बलूच नेता लंबे समय से सरकार पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाते रहे हैं। इसी क्रम में बलूच नेशनल मूवमेंट (BNM) के मानवाधिकार संगठन ‘पांक’ ने सोमवार को एक बयान जारी कर बताया कि पाकिस्तानी सेना समर्थित दस्तों ने बलूचिस्तान में तीन नागरिकों की न्यायेतर हत्या कर दी है। पांक के मुताबिक, मांड इलाके में शनिवार सुबह मुल्ला बहराम बलूच और इजहार मुजीब को गोली मार दी गई, जबकि उसी शाम गोमाजी क्षेत्र में जलाल बलूच की हत्या कर दी गई। संस्था ने आरोप लगाया कि ये घटनाएं जबरन गायब करने, गैरकानूनी हत्याओं और राज्य प्रायोजित दमन के व्यापक अभियान का हिस्सा हैं, जो मानवता के खिलाफ अपराध की श्रेणी में आते हैं।
इनपुट आईएएनएस
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