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ढाका, वाईबीएन डेस्क :बांग्लादेश की अवामी लीग ने सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस पर आरोप लगाया है कि उन्होंने इस्लामी कट्टरपंथियों के साथ पूर्व से तय रणनीति के तहत गठजोड़ किया है, जिससे देश धार्मिक कट्टरवाद की खाई में धकेलता जा रहा है। पार्टी का कहना है कि यूनुस के शासन में प्रतिबंधित संगठन जैसे हिज्ब-उत-तहरीर फिर सक्रिय हो रहे हैं, कई दोषी आतंकी रिहा किए गए हैं, और चरमपंथी नेता राजनीतिक व प्रशासनिक मुख्यधारा में स्वीकार किए जा रहे हैं।
मंदिरों को किया गया अपवित्र
अवामी लीग का कहना है कि मंदिरों को अपवित्र किया गया है, अल्पसंख्यकों को डराया जा रहा है महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है और धर्मनिरपेक्षता को पाठ्यपुस्तकों तथा संवैधानिक भाषा से हटाया जा रहा है। पार्टी के अनुसार यह सरकार की विफलता नहीं बल्कि कट्टरवाद को जानबूझकर सशक्त करने का प्रयास है। यूनुस ने सत्ता में अपनी कमजोर पकड़ को मजबूत करने के लिए धर्म को राजनीतिक हथियार बनाया है। इसका परिणाम सामाजिक अस्थिरता और देश की धर्मनिरपेक्ष पहचान की क्षति के रूप में सामने आ रहा है।
हिंदू, बौद्ध और ईसाई भय की स्थिति में
अवामी लीग ने चेतावनी दी है कि इस प्रकार के कदम अल्पसंख्यक समुदाय हिंदू, बौद्ध और ईसाई को भय व असुरक्षा की स्थिति में लाए हैं। मंदिरों और चर्चों पर हमले, अल्पसंख्यक परिवारों के घरों में आग लगाने की घटनाएं और पैतृक संपत्ति छोड़ने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी आयोजनों में शामिल हैं। पार्टी ने कहा कि जमात‑ए‑इस्लामी और इसकी छात्र शाखा इस्लामी छात्र शिविर का पुनरुत्थान न तो संयोग है और न ही मामूली परिवर्तन। यूनुस की नीतिया संवैधानिक सुधारों में धर्मनिरपेक्ष आवाजों को प्रताड़ित कर रही हैं और छात्रों के कैंपसों में उग्रवादी विचारों की उपेक्षा चरमपंथ को बढ़ावा दे रही है।
dr muhammad yunus | Bangladesh
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