नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क ।
US | china | trade | अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन पर आयात शुल्क बढ़ाकर 125% कर दिया है, जबकि अन्य सभी देशों के लिए प्रतिफल शुल्क (रेसिप्रोकल टैरिफ) को 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया है। यह निर्णय अमेरिका और चीन के बीच चल रहे व्यापार युद्ध में नया मोड़ लाया है।
ट्रम्प का चीन को सख्त संदेश
ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर पोस्ट करते हुए कहा...
"चीन ने वैश्विक बाजार के प्रति अनादर दिखाया है। मैं चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 125% कर रहा हूं जो तत्काल प्रभाव से लागू होगा। चीन को अब समझ जाना चाहिए कि अमेरिका को लूटने के दिन अब बीत चुके हैं।"
यूरोपीय संघ और चीन की प्रतिक्रिया
यूरोपीय संघ ने अमेरिकी उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाकर जवाबी कार्रवाई की है, जबकि चीन ने 12 अमेरिकी कंपनियों को अपनी निर्यात नियंत्रण सूची में डाल दिया है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि वह "अंत तक लड़ेगा"।
- चीनी सामान अमेरिका में दोगुने से अधिक मूल्य पर बिकेगा
- यूरोपीय संघ ने अमेरिकी कृषि और औद्योगिक उत्पादों को निशाना बनाया
- चीन ने 1.9 ट्रिलियन डॉलर का औद्योगिक ऋण पैकेज घोषित किया
ट्रम्प का औचित्य
अमेरिकी राष्ट्रपति ने टैरिफ को "एक छोटी सी दवा" बताते हुए कहा...
"यह थोड़ा दर्द देगा, लेकिन लंबे समय में हमें मजबूत बनाएगा। हम टैरिफ से प्रतिदिन 2 बिलियन डॉलर कमा रहे हैं।"
भारत पर प्रभाव
हालांकि भारत सहित अन्य देशों को 90 दिन की राहत मिली है, लेकिन अमेरिका ने भारत पर 26% टैरिफ लगाने की योजना बनाई है। ट्रम्प ने कहा था कि "भारत बहुत सख्त है" और प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनके अच्छे संबंधों के बावजूद व्यापार संतुलन सही नहीं है।
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह व्यापार युद्ध वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर सकता है। हालांकि अमेरिकी बाजारों ने इस निर्णय के बाद ऐतिहासिक उछाल दर्ज किया है, जबकि एशियाई बाजार भी सकारात्मक रहे हैं।