Advertisment

ईद के बहाने LoC पर पाक सेना प्रमुख की सियासत, फिर छेड़ा कश्मीर राग

ईद-उल-अज़हा के मौके पर पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर स्थित अग्रिम चौकियों का दौरा किया और वहां तैनात सैनिकों के साथ त्योहार मनाया। उन्होंने जवानों के मनोबल और सतर्कता की तारीफ की। 

author-image
Ranjana Sharma
Medi
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: ईद-उल-अज़हा के मौके पर पाकिस्तान एक बार फिर अपने पुराने कश्मीर राग को दोहराने से बाज नहीं आया। शनिवार को पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर स्थित अग्रिम चौकियों का दौरा किया और वहां तैनात जवानों के साथ त्योहार मनाया। उन्होंने सैनिकों को ईद की बधाई दी और युद्धक तैयारियों के साथ उनकी सतर्कता की सराहना की।

पाकिस्तानी सेनिकों के साथ मनाई ईद 

पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) की ओर से जारी बयान के मुताबिक, जनरल मुनीर ने कहा कि सैनिकों द्वारा अपनों से दूर रहकर ईद मनाना इस बात का प्रतीक है कि वे राष्ट्रसेवा को सर्वोपरि मानते हैं। उन्होंने हालिया सैन्य झड़पों का हवाला देते हुए दावा किया कि पाकिस्तान ने भारत को "मुंहतोड़ जवाब" दिया है।

उठाया कश्मीर का मुद्दा 

Advertisment

जनरल मुनीर ने इस अवसर पर एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाया और पाकिस्तान के तथाकथित 'सैद्धांतिक रुख' को दोहराया। उन्होंने कहा कि कश्मीरी जनता का "न्यायपूर्ण और साहसी संघर्ष" भुलाया नहीं जाएगा और जम्मू-कश्मीर का समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और वहां की जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप ही होना चाहिए। यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने किसी धार्मिक या सैन्य अवसर का इस्तेमाल कश्मीर मुद्दे को उछालने के लिए किया हो। वास्तव में, जब भी पाकिस्तान को आंतरिक संकट या अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना होता है, वह कश्मीर को अपनी विदेश नीति का औजार बना लेता है।

पिछले महीने दोनों देश की ओर से हो रही थी सीमा पर गोलीबारी

हाल ही में 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव बढ़ा। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पीओके स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीक सैन्य हमले किए। इसके बाद सीमा पर दोनों देशों के बीच लगातार चार दिन तक गोलीबारी हुई। अंततः 10 मई को दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों (DGMO) के बीच बातचीत के बाद संघर्ष विराम पर सहमति बनी। भारत स्पष्ट कर चुका है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अविभाज्य हिस्से थे, हैं और रहेंगे। वहीं अंतरराष्ट्रीय समुदाय का झुकाव भी अब भारत के रुख की ओर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। eid ul azha 2025 not present in content

Loc eid ul azha 2025
Advertisment
Advertisment