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मोसाद की एंट्री से कांप उठा पाकिस्तान! आतंकियों के खात्मे का काउंटडाउन शुरू!

आईएसआई के एजेंट्स के बीच खलबली मच गई है। उधर, भारतीय एजेंसियों का संदेश साफ है- "हर आतंकी की मौत तय है!" क्या मोसाद की स्टाइल में होगा आतंकियों का सफाया? पढ़िए, वो सनसनीखेज डिटेल्स जो पाकिस्तान को हिलाकर रख देंगी...

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Ajit Kumar Pandey
MOSAD MOSAD
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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क । पाकिस्तान के दहशतगर्दों की अब रूह कांप उठी है! भारत की खुफिया एजेंसी ने कश्मीर में ऐसा जाल बिछाया है कि आतंकवाद की जड़ें हिल जाएंगीं। पाकिस्तान में पल रहे आतंकी संगठन अपना हाथ होने से साफ इनकार कर रहे हैं और पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ चुकी है। सूत्रों का दावा- "यह कोई सामान्य ऑपरेशन नहीं, बल्कि आतंक के खात्मे का अंतिम अध्याय है!"

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क्योंकि इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद ने कश्मीर में एक ऐसा खतरनाक मिशन शुरू करने के लिए पहुंच चुकी है, जो आतंकवाद की रीढ़ तोड़ देगा! सूत्रों के मुताबिक, मोसाद की 25 सदस्यीय एलीट टीम, अत्याधुनिक तकनीक के साथ, भारत से मिलकर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने की तैयारी कर रही है। यह खबर सुनते ही इस्लामाबाद में हड़कंप मच गया है, और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां बौखला गई हैं।

आईएसआई के एजेंट्स के बीच खलबली मच गई है। उधर, भारतीय एजेंसियों का संदेश साफ है- "हर आतंकी की मौत तय है!" क्या मोसाद की स्टाइल में होगा आतंकियों का सफाया? पढ़िए, वो सनसनीखेज डिटेल्स जो पाकिस्तान को हिलाकर रख देंगी...

जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत वादियों में एक बार फिर तनाव का माहौल है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से चली आ रही दुश्मनी को और भड़का दिया है। इस हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई, जिसके बाद भारत ने कड़े कदम उठाए, जिसमें पानी के समझौते को निलंबित करना और पाकिस्तान के साथ व्यापार रोकना शामिल है। लेकिन इस कहानी में एक नया मोड़ तब आया, जब खबरें उड़ीं कि इजराइल ने भारत को विशेष हथियार और तकनीकी सहायता प्रदान की है। यह सहयोग न केवल क्षेत्रीय समीकरणों को बदल रहा है, बल्कि पाकिस्तान में खौफ की लहर भी पैदा कर रहा है।

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कश्मीर की बर्फीली चोटियों और हरी-भरी घाटियों के बीच एक खामोश जंग छिड़ चुकी है। खुफिया सूत्रों के अनुसार, इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद की एक 25 सदस्यीय टीम श्रीनगर पहुंची है। इस टीम के पास अत्याधुनिक तकनीक और ड्रोन हैं, जो किसी भी आतंकी ठिकाने को पलभर में तबाह कर सकते हैं। यह खबर जैसे ही पाकिस्तानी मीडिया में फैली, वहां हड़कंप मच गया। पाकिस्तानी न्यूज़ चैनलों ने दावा किया कि यह टीम भारत के साथ मिलकर कश्मीर में एक बड़े ऑपरेशन की तैयारी कर रही है, जिसका मकसद लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों को जड़ से उखाड़ना है।

पाकिस्तान की चिंता बेवजह नहीं है। भारत और इजराइल का सैन्य सहयोग पिछले कुछ सालों में अभूतपूर्व स्तर पर पहुंचा है। कारगिल युद्ध के दौरान इजराइल ने भारत को लेजर-गाइडेड मिसाइलें दी थीं, जिसने युद्ध का रुख पलट दिया था।

अब, खबर है कि इजराइल ने भारत को अत्याधुनिक ड्रोन और साइबर हथियार मुहैया कराए हैं, जो सीमा पार आतंकी ठिकानों को बिना किसी नुकसान के नष्ट कर सकते हैं। इन हथियारों की खासियत यह है कि इन्हें रिमोट से नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे सैनिकों को सीधे युद्ध में उतरने की जरूरत नहीं पड़ती।

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पाकिस्तान का डर

पाकिस्तान की सेना ने अपनी सारी छुट्टियां रद्द कर दी हैं और नियंत्रण रेखा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है। पाकिस्तानी वायुसेना को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है। एक पाकिस्तानी न्यूज़ एंकर ने तो यहां तक दावा किया कि भारत और इजराइल मिलकर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में एक ऐसी सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बना रहे हैं, जो पाकिस्तान को घुटनों पर ला देगी।

इस बीच, पाकिस्तानी नेता फवाद चौधरी ने इजराइल को चेतावनी दी कि वह भारत-पाक तनाव से दूर रहे, लेकिन उनकी यह चेतावनी हवा में उड़ती नजर आ रही है।

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पाकिस्तान की बेचैनी का एक और कारण है- चीन। खबरों के मुताबिक, चीन ने पाकिस्तान को पीएल-15 लॉन्ग रेंज एयर-टू-एयर मिसाइलें दी हैं। लेकिन भारत के पास अब इजराइल की तकनीक और अमेरिका का समर्थन है। ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 में भारत को दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर सैन्य शक्ति घोषित किया गया है, जबकि पाकिस्तान 12वें स्थान पर खिसक गया है। यह अंतर पाकिस्तान के लिए खतरे की घंटी है।

क्या कहते हैं अंतरराष्ट्रीय समीकरण

इस पूरे घटनाक्रम में अंतरराष्ट्रीय शक्तियों की भूमिका भी अहम है। अमेरिका और इजराइल के सैन्य विमान हाल ही में जयपुर में उतरे, जिसने अटकलों को और हवा दी। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह एक सामरिक गठजोड़ है, जिसका मकसद दक्षिण एशिया में चीन और पाकिस्तान के प्रभाव को कम करना है। दूसरी ओर, रूस और फ्रांस ने भी भारत के प्रति अपना समर्थन जताया है। इस बीच, ब्रिटेन तटस्थ बना हुआ है, लेकिन उसने भी भारत के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया।

कश्मीर में बढ़ता तनाव और भारत-इजराइल का सैन्य सहयोग दक्षिण एशिया के भविष्य को अनिश्चितता की ओर धकेल रहा है। क्या यह सहयोग आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक जीत दिलाएगा, या फिर यह क्षेत्र को एक बड़े युद्ध की आग में झोंक देगा? यह सवाल हर किसी के मन में है। पाकिस्तान की बौखलाहट और भारत की आक्रामक रणनीति के बीच, कश्मीर की वादियां अब शांति की नहीं, बल्कि एक खतरनाक जंग की गवाह बनने को तैयार हैं।

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