Advertisment

FATF के निशाने पर पाक! बैलिस्टिक मिसाइल तकनीक में संलिप्तता उजागर, फिर ग्रे लिस्ट में लौटेगा?

FATF ने पाकिस्तान की बैलिस्टिक मिसाइल परियोजना में संलिप्तता उजागर की है। भारत ने 2020 में एक संदिग्ध शिपमेंट जब्त किया था, जो पाकिस्तान की मिसाइल एजेंसी से जुड़ा पाया गया। अब भारत FATF को सौंपेगा डोजियर।

author-image
Dhiraj Dhillon
PM Modi and Shahbaz

Photograph: (Google)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। Pakistan पर फिर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान की बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन का खुलासा किया है। खुलासे के अनुसार, वर्ष 2020 में भारत ने एक संदिग्ध शिपमेंट जब्त किया था, जो चीन से पाकिस्तान के कराची स्थित पोर्ट कासिम (Port Qasim) जा रही थी। जांच में पाया गया कि यह खेप पाकिस्तान की सरकारी मिसाइल एजेंसी से जुड़ी हुई थी और इसका उपयोग बैलिस्टिक मिसाइल निर्माण में हो सकता था।

भारत कर रहा डोजियर सौंपने की तैयारी

भारत इस मामले में FATF को एक विस्तृत डोजियर सौंपने की तैयारी कर रहा है, जिसमें पाकिस्तान की संलिप्तता के सबूत शामिल होंगे। भारत चाहता है कि FATF पाकिस्तान को एक बार फिर "ग्रे लिस्ट" में डाले, जिससे उस पर अंतरराष्ट्रीय वित्तीय निगरानी और दबाव बढ़े। FATF की अगली बैठक में यह मुद्दा जोरशोर से उठ सकता है और पाकिस्तान के लिए यह वैश्विक मंच पर एक और शर्मनाक स्थिति बन सकती है। बता दें कि मई की शुरुआत में ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर कड़ा हमला किया। इसके बाद भारत ने FATF के 7 सदस्य देशों में प्रतिनिधिमंडल भेजकर पाकिस्तान की भूमिका पर प्रकाश डाला। 16 जून को जारी FATF के बयान में भारत की कूटनीतिक कोशिशों का असर साफ दिखा।

आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है

Advertisment

आतंकवाद को वित्तीय मदद रोकने में लगातार नाकामी के कारण पाकिस्तान को एक बार फिर से वैश्विक निगरानी संस्था FATF (Financial Action Task Force) की ग्रे लिस्ट में डाले जाने का खतरा मंडरा रहा है। सोशल मीडिया पर लोग सवाल कर रहे हैं कि अगर पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट में चला गया तो क्या होगा? इसका सीधा असर उसकी अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा और देश की आर्थिक कमर टूट सकती है। वर्तमान में ब्लैक लिस्ट में ईरान, म्यांमार और नॉर्थ कोरिया शामिल हैं, जिनपर वैश्विक बैंकिंग संस्थानों द्वारा सख्त प्रतिबंध लागू होते हैं। यह चौथी बार होगा जब FATF पाकिस्तान को "अधिक निगरानी वाले देशों" की श्रेणी में शामिल करेगा। मनीकंट्रोल के सूत्रों के अनुसार, जून के अंत तक FATF अपनी "म्यूचुअल इवैल्यूएशन रिपोर्ट (MER)" जारी कर सकता है, जिसमें पाकिस्तान की आतंकवादी फंडिंग रोकने में असफलता का उल्लेख होगा।

FATF ग्रे लिस्ट क्या है?

  • ग्रे लिस्ट में वे देश आते हैं जिनमें मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी फंडिंग रोकने में रणनीतिक कमियां पाई जाती हैं। इन देशों पर FATF लगातार कड़ी नजर रखता है। ग्रे लिस्ट में आने से सीधे आर्थिक प्रतिबंध नहीं लगते, लेकिन विदेशी निवेश (FDI) प्रभावित होता है।
  • व्यापारिक लेन-देन पर अतिरिक्त निगरानी लागत बढ़ जाती है।
  • बैंक और निवेशकों का भरोसा कम हो जाता है।
Advertisment

FATF में सूचीबद्ध कैसे होते हैं देश?

FATF में 39 सदस्य देश हैं, जिनमें अमेरिका, भारत, यूके, चीन आदि शामिल हैं। किसी प्रस्ताव को पास करने के लिए कम से कम 4 देशों का विरोध नहीं होना चाहिए। ब्लैक लिस्ट में फिलहाल ईरान, म्यांमार और नॉर्थ कोरिया हैं, जिनपर कड़े वैश्विक प्रतिबंध लागू होते हैं। अगर पाकिस्तान फिर से ग्रे लिस्ट में जाता है तो उसकी आर्थिक स्थिति और विश्वसनीयता दोनों पर गहरा असर पड़ेगा। भारत ने पाहलगाम हमले के बाद FATF के मंच और कूटनीति का इस्तेमाल कर आतंकवादी फंडिंग के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है, जिससे अब आतंकवाद के लिए ‘सॉफ्ट कॉर्नर’ खत्म हो गया है।

pakistan
Advertisment
Advertisment