Draupadi Murmu स्लोवाकिया दौरे पर, 29 साल बाद भारतीय राष्ट्रपति की यात्रा
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को अपने दो देशों के राजकीय दौरे के दूसरे चरण की शुरुआत स्लोवाकिया से की। वह स्लोवाकिया की यात्रा करने वाली भारत की दूसरी राष्ट्रपति बन गई हैं।
राष्ट्रपति Draupadi Murmu ने बुधवार को अपने दो देशों के राजकीय दौरे के दूसरे चरण की शुरुआत स्लोवाकिया से की। वह स्लोवाकिया की यात्रा करने वाली भारत की दूसरी राष्ट्रपति बन गई हैं। पुर्तगाल की यात्रा के बाद राष्ट्रपति वियना पहुंचीं और वहां से सड़क मार्ग से स्लोवाकिया की राजधानी ब्रातिस्लावा गईं। यह यात्रा उन्होंने रात के समय पूरी की। स्लोवाकिया में दो दिवसीय प्रवास के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू स्लोवाक राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी, प्रधानमंत्री रॉबर्ट फिको और राष्ट्रीय परिषद के अध्यक्ष रिचर्ड रासी से मुलाकात करेंगी। 29 वर्षों के बाद यह पहली बार है जब किसी भारतीय राष्ट्रपति ने स्लोवाकिया का दौरा किया है।
दौरे का एक प्रमुख आकर्षण
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू टाटा मोटर्स की सहयोगी कंपनी जगुआर लैंड रोवर (JLR) के संयंत्र का दौरा भी करेंगी। स्लोवाकिया में यह सयंत्र 2018 में शुरू हुआ था और जिसकी वार्षिक उत्पादन क्षमता 1.5 लाख वाहनों की है। यह विजिट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दौरे का प्रमुख आकर्षण बताई जा रही है। भारत की कई कंपनियों ने स्लोवाकिया में ऑटोमोबाइल, इंजीनियरिंग और आईटी जैसे क्षेत्रों में निवेश किया है। दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग भी वर्षों से मजबूत बना हुआ है। इससे पहले मंगलवार को राष्ट्रपति मुर्मू ने पुर्तगाल में भी उच्च स्तरीय बैठकें की थीं और वहां भारतीय समुदाय के साथ संवाद किया था।
क्यों महत्वपूर्ण है भारत- स्लोवाकिया संबंध
विदेश मंत्रालय के सचिव तन्मय लाल ने बताया कि स्लोवाकिया में संस्कृत अध्ययन की मजबूत परंपरा है और महात्मा गांधी के कार्यों का स्लोवाक भाषा में अनुवाद किया गया है। साथ ही, 2022 में यूक्रेन युद्ध के दौरान स्लोवाकिया ने भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालने में अहम भूमिका निभाई थी।भारत-स्लोवाकिया संबंध भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी के संदर्भ में भी अहम हैं। स्लोवाकिया के 2004 में यूरोपीय संघ में शामिल होने के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में मजबूती आई है।