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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: रूस के सुदूर पूर्वी तटीय क्षेत्र में रविवार, 20 जुलाई को एक के बाद एक कई शक्तिशाली भूकंपों ने धरती हिला दी। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, शुरुआत में 5.0 और 6.7 तीव्रता के झटके महसूस किए गए थे, लेकिन जब 7.4 तीव्रता का प्रचंड भूकंप आया, तो संभावित खतरे को देखते हुए सुनामी की चेतावनी जारी करनी पड़ी।
खतरनाक लहरें उठ सकती
USGS ने कहा कि भूकंप का केंद्र प्रशांत महासागर में स्थित था, जो कामचटका प्रायद्वीप की राजधानी पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की से लगभग 140 किलोमीटर पूर्व में रहा। चेतावनी के मुताबिक,भूकंप के केंद्र से 300 किलोमीटर के दायरे में आने वाले तटीय क्षेत्रों, खासकर पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की के आसपास, में खतरनाक लहरें उठ सकती हैं। एजेंसी ने आशंका जताई है कि रूस के तटीय इलाकों में 30 सेंटीमीटर से लेकर 1 मीटर (करीब 3.3 फीट) तक की लहरें उठ सकती हैं, जबकि जापान और अमेरिका के हवाई द्वीप में यह प्रभाव हल्का रह सकता है।
रूसी मंत्रालय ने भी जताई चिंता
रूस के आपात स्थिति मंत्रालय ने टेलीग्राम पर जानकारी दी कि कमांडर द्वीप समूह में 60 सेंटीमीटर और कामचटका प्रायद्वीप में 15 से 40 सेंटीमीटर तक की लहरें उठने की संभावना है।
बार-बार आ रहे झटके, वैज्ञानिकों की चेतावनी
USGS के अनुसार, प्रारंभिक झटकों के बाद भी कई आफ्टरशॉक्स महसूस किए गए, जिनमें एक बार फिर 6.7 तीव्रता का भूकंप भी शामिल रहा। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (GFZ) ने भी पुष्टि की कि रविवार तड़के दो शक्तिशाली भूकंप आए, जिनकी तीव्रता क्रमशः 6.6 और 6.7 थी। दोनों की गहराई 10 किलोमीटर आंकी गई है, जो भूकंप को और भी ज्यादा खतरनाक बनाता है।
अब तक किसी जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं
अब तक राहत की बात यह रही कि किसी के हताहत होने की खबर सामने नहीं आई है। हालाँकि, विशेषज्ञ स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
भूकंपों का संवेदनशील क्षेत्र है कामचटका
कामचटका प्रायद्वीप, प्रशांत और उत्तरी अमेरिकी टेक्टोनिक प्लेटों के मिलन स्थल पर स्थित है, जो इसे भूकंप के लिहाज से अत्यधिक संवेदनशील बनाता है। 1900 के बाद से इस क्षेत्र में 8.3 या उससे अधिक तीव्रता के सात बड़े भूकंप आ चुके हैं।
इतिहास की सबसे बड़ी सुनामी भी यहीं आई थी
गौरतलब है कि 4 नवंबर, 1952 को इसी क्षेत्र में 9.0 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसके कारण हवाई द्वीप पर 9.1 मीटर (30 फीट) ऊंची लहरें उठी थीं। हालांकि, उस वक्त भी किसी जान-माल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई थी। russia