नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। यूरोप दौरे पर गए भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान और उसकी आतंकवाद पोषित नीतियों को लेकर यूरोपीय देशों पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दशकों से भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता आया है, फिर भी यूरोप लगातार पाकिस्तान के सैन्य शासकों का समर्थन करता रहा है, जिससे लोकतंत्र कमजोर हुआ है।
जर्मनी के अखबार से जयशंकर की बातचीत
जर्मन समाचार पत्र पॉलिटिकन से बातचीत में
जयशंकर ने पाकिस्तान के खिलाफ भारत के पुराने रुख को दोहराया और कहा कि कश्मीर, अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया में आतंकवाद फैलाने में पाकिस्तान की सेना की बड़ी भूमिका रही है। वह अपनी यूरोपीय यात्रा के तहत नीदरलैंड और डेनमार्क के बाद बर्लिन पहुंचे थे, जहां उन्होंने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ और अन्य शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की।
1947 से आज तक पाकिस्तान की नीति नहीं बदली
जयशंकर ने कहा, “1947 में आजादी के बाद से पाकिस्तान ने कश्मीर में हमारी सीमाओं का उल्लंघन किया है। पिछले 80 वर्षों में पाकिस्तान की सेना आतंकवाद को शह देती रही है, और यूरोप ने बार-बार उनके साथ खड़ा रहकर लोकतंत्र को कमजोर किया है।”
ओसामा बिन लादेन का उदाहरण
S Jaishankar ने कहा कि 2011 में अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान की सैन्य अकादमी के पास छिपा मिला था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तानी सेना की भूमिका आतंकवाद को लेकर कितनी संदिग्ध है। “पाकिस्तान की सेना और उसकी राजनीति आतंकवादी संगठनों को खुली छूट देती है,” जयशंकर ने कहा। जयशंकर ने भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के Quad गठबंधन की सराहना करते हुए इसे एक “लचीला और आधुनिक रणनीतिक गठबंधन” बताया जो क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए अहम है।
भारत का स्पष्ट संदेश: आतंक पर दोहरा मापदंड नहीं चलेगा
S Jaishankar की टिप्पणी न केवल पाकिस्तान को लेकर भारत की स्थिति स्पष्ट करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि भारत अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खुलकर अपनी राय रख रहा है। उन्होंने कहा कि भारत चाहता है कि यूरोपीय देश पाकिस्तान की सैन्य नीतियों पर सवाल उठाएं और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाएं।
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