ब्राजील, वाईबीएन डेस्क। सर्वदलीय सांसद प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने विपरीत परिस्थितियों में आईएमएफ द्वारा पाकिस्तान को जारी किए गए बेलआउट पैकेज पर सवाल उठाए हैं। शशि थरूर ने ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में कहा कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्करे- तैयबा की मदद के लिए चीन को भी घेरा। उन्होंने कहा कि लश्करे- तैयबा के समूह द रेसिसटेंट फ्रंट (टीआरएफ) का नाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के वक्तव्य से हटाने के लिए चीन ने अपने दोस्त पाकिस्तान की मदद की।
बोले- बेलआउट पैकेज से हो रहा आतंकवाद का पोषण
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Delegation: शशि थरूर बोले- हम किसी भी देश के विकास से ईर्ष्या नहीं करते। पाकिस्तान को मिला यह पैसा गरीबी दूर करने या विकास कार्यों पर खर्च किया जाता तो हम क्यों आपत्ति करते। हम मानवीय हैं, लेकिन आईएमएफ का यह बेलआउट पैकेज आतंकवाद का पोषण करने, हम पर हमला करने और हथियारों की खरीद पर खर्च किया जा रहा है तो हमारी आपत्ति स्वभाविक है। उन्होंने कहा कि हमारे राजनयिक भी विश्व बैंक और आईएमएफ पर यह दवाब बनाने का प्रयास करेंगे कि इन संस्थाओं को पैसा वैसे खर्च हो, जैसा होना चाहिए।
टीआरएफ के मुद्दे पर चीन को घेरा
शशि थरूर ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले की लश्करे- तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन- टीआरएफ ने जिम्मेदारी ली और अगले दिन पुनः इसकी पुष्टि भी की, लेकिन पाकिस्तान ने जब इसकी गंभीरता को समझा तो टीआरएफ पर अपना बयान वापस लेने का दवाब बनाकर उसे बचाने का प्रयास किया, टीआएफ का यह बयान 24 घंटे तक रिकॉर्ड पर रहा। उन्होंने इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान की मदद करने पर चीन की आलोचना की।
सेल्सो अमोरिम से बातचीत में बोले शशि थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ब्राजील के राष्ट्रपति के विशेष सलाहकार के राजदूत सेल्सो अमोरिम से बातचीत के दौरान कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कई बार टीआएफ का मुद्दा उठाने की कोशिश की लेकिन पाकिस्तान को चीन का समर्थन प्राप्त होने के कारण यह कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी। उन्होंने कहा कि ब्राजील और भारत, दोनों ही सुरक्षा परिषद में नहीं है, लेकिन वहां जो राजनीति चल रही है, उस पर ध्यान देना होगा।
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