2008 के मुंबई हमलों के मास्टर माइंड तहव्वुर राणा के प्रत्यार्पण के लिए समय और तारीख जल्द ही सामने आ सकते हैं। विदेश मंत्रालय तहव्वुर राणा के प्रत्यार्पण की तारीख और समय तय करने के लिए अमेरिका के संपर्क में हैं। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से तहव्वुर राणा के प्रत्यार्पण को मंजूरी मिलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ऐलान के बाद तहव्वुर के प्रत्यार्पण की प्रक्रिया तेज हो गई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इस मामले में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। बताया जा रहा है कि जैसे अमेरिका से प्रत्यार्पण के लिए तारीख और समय तय हो जाएगा, एनआईए की टीम अमेरिका के लिए रवाना हो जाएगी। उम्मीद है कि मार्च में तहव्वुर राणा का प्रत्यार्पण होगा।
ट्रंप ने मोदी से किया वादा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी प्रवास के दौरान अपराधियों से मिलकर निपटने का संकल्प दोहराते हुए जल्द ही तहव्वुर राणा के प्रत्यार्पण की बात कही थी। तहव्वुर राणा को मुंबई के ताज होटल पर टैरर अटैक के लिए डेविड हेडली को फंडिंग का दोषी पाया गया था। भारतीय विदेश मंत्रालय के लगातार प्रयास के बाद अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उसके प्रत्यार्पण को मंजूरी दी थी, डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद प्रत्यार्पण प्रकिया और तेज हुई है। उन्होंने पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता में आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने की बात कही है।
जल्द भारत के हवाले होगा आतंकी तहव्वुर
ट्रंप ने कहा है कि सबसे खतरनाक अपराधी तहव्वुर राणा जल्द ही भारत के हवाले होगा और उसके किए के लिए भारत उसके खिलाफ मुकदमा चला सकेगा। प्रत्यार्पण के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) तहव्वुर राणा को भारत लाकर अदालत में पेश करेगी और पूछताछ के लिए अदालत से रिमांड की दर्खास्त करेगी। इसके साथ ही भारत में तहव्वुर राणा के खिलाफ मुंबई आंतकी हमले का मुकदमा शुरू हो जाएगा।
कैसे हुआ था संलिप्तता का खुलासा
तहव्वुर राणा और डेविड हेडली की मुंबई टैरर अटैक मामले में संलिप्तता का खुलासा 2009 में उस समय हुआ था जब शिकागो एयरपोर्ट से अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने डेविड हेडली की गिरफ्तारी की थी। एफबीआई ने तहव्वुर और डेविड हेडली की गिरफ्तारी मोहम्मद साहब पर विवादित कार्टून छापने वाले डेन्मार्क के समाचार पत्र जिलैंड्स पोस्टेन के कार्यालय पर हमले की साजिश के आरोप में गिरफ्तार किया था। तहव्वुर राणा को अमेरिकी अदालत द्वारा सजा सुनाई जा चुकी है। एफबीआई की पूछताछ के दौरान ही 2008 के मुंबई टैरर अटैक में दोनों ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की थी। दोनों पाकिस्तान मूल के आतंकवादी संगठन लश्कर- ए- तैयबा से जुड़े थे।
पाकिस्तानी सेना में रहा है तहव्वुर
आतंकी तहव्वुर राणा पाकिस्तानी सेना के मेडिकल कोर में रह चुका है। पाकिस्तानी सेना छोड़ने के बाद 2001 में उसने कनाडा की नागरिकता ले ली थी और शिकागो में इमिग्रेशन एजेंसी का संचालन भी किया। मुंबई हमलों में डेविड हेडली के मदद के लिए तहव्वुर ने मुंबई में एक ट्रेवल एजेंसी खोली थी।
छह अमेरिकी नागरिकी भी हुई थी मौत
26 नवंबर, 2008 को हुई मुंबई टेरर अटैक में कुल 164 लोग मारे गए थे। मारे गए लोगों ने छह अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे। इस नरसंहार के एक दोषी अजमल कसाब को मुकदमा चलाने के बाद 2012 में यरवदा जेल में फांसी दे दी गई थी। अजमल कसाब को मौके से गिरफ्तार किया गया था।