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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्राजील से होने वाले सभी आयातों पर 1 अगस्त से 50% टैरिफ लगाने का एलान किया है। यह टैरिफ अप्रैल में घोषित 10% शुल्क की तुलना में कहीं अधिक है और क्षेत्रीय शुल्कों से अलग होगा। ट्रंप के इस फैसले के पीछे ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा के एक बयान को वजह माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने ट्रंप को बिना नाम लिए 'अनचाहा सम्राट' कहा था। टैरिफ की घोषणा के बाद ब्राजील की मुद्रा ‘रीयाल’ में लगभग 3% गिरावट दर्ज की गई, वहीं अमेरिका में ब्राजील की कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट आई। ट्रंप और लूला के बीच यह कूटनीतिक तनातनी अमेरिका और ब्राजील के आर्थिक संबंधों में नए तनाव का पैदा कर सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस टैरिफ जंग से दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों पर गंभीर असर पड़ सकता है।
ब्राजील को नहीं चाहिए 'ट्यूटर': लूला की चेतावनी
टैरिफ एलान के तुरंत बाद राष्ट्रपति लूला ने आपात बैठक बुलाई, जिसमें वित्त मंत्री, विदेश मंत्री और उपराष्ट्रपति भी शामिल रहे। बाद में लूला ने सख्त लहजे में कहा- ब्राजील को कोई ट्यूटर नहीं चाहिए। लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में बाहरी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेताया कि यदि अमेरिका ने एकतरफा टैक्स बढ़ाया, तो ब्राजील 'इकोनॉमिक रिसिप्रॉसिटी लॉ' के तहत कड़ा जवाब देगा।
बोल्सोनारो के पक्ष में उतरे ट्रंप
ट्रंप ने इस टैरिफ फैसले को एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए जारी किया। उन्होंने ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो का भी समर्थन किया, जिन पर 2022 में चुनाव हारने के बाद तख्तापलट की साजिश का केस चल रहा है। ट्रंप ने लिखा- बोल्सोनारो के खिलाफ चल रही कार्रवाई एक 'विच हंट' है और इसे तुरंत बंद किया जाना चाहिए। बोल्सोनारो को अक्सर "ट्रंप ऑफ द ट्रॉपिक्स" कहा जाता है और उन्होंने अमेरिका से कानूनी सहायता की अपील भी की है।
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