नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बुधवार को व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसीम मुनीर के साथ लंच बैठक करेंगे। यह मुलाकात ऐसे समय पर हो रही है जब ईरान और इजरायल के बीच युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं। ट्रंप और मुनीर की मुलाकात को लेकर पाकिस्तान और अमेरिका, दोनों ही देशों में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। व्हाइट हाउस द्वारा जारी ट्रंप के आधिकारिक कार्यक्रम में इस बैठक का उल्लेख है, जो राजनीतिक और सामरिक रूप से बेहद संवेदनशील मानी जा रही है।
लगे "इस्लामाबाद का कसाई" के नारे
मुनीर की अमेरिका यात्रा के दौरान वॉशिंगटन डीसी में प्रवासी पाकिस्तानी और PTI समर्थकों ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में प्रदर्शनकारियों को "पाकिस्तानियों का हत्यारा" और "इस्लामाबाद का कसाई" जैसे नारे लगाते हुए देखा गया। द एलायंस ऑर्गनाइजेशन की कार्यकारी निदेशक नाजिया इम्तियाज हुसैन ने प्रदर्शन की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा,"हम पाकिस्तान के फासीवादी तानाशाही शासन के खिलाफ हैं। हर वो व्यक्ति शर्मनाक है जो लोकतंत्र के खिलाफ खड़ा है।"
ट्रंप-मुनीर मुलाकात और ईरान-इजरायल संकट
इस हाई-प्रोफाइल लंच मीटिंग का महत्व इस वजह से भी बढ़ गया है क्योंकि पश्चिम एशिया में हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को Truth Social पर लिखा:"हम ईरान के आसमान पर पूरी तरह नियंत्रण में हैं। हमें पता है 'सुप्रीम लीडर' कहां छिपा है, लेकिन फिलहाल हम उसे मारने वाले नहीं हैं। हमारी सहनशीलता अब खत्म हो रही है।" इसके विपरीत, जनरल आसीम मुनीर ने एक सार्वजनिक बयान में कहा,"पाकिस्तान ईरान के साथ खड़ा है और हम चाहते हैं कि यह संकट शांतिपूर्ण तरीके से सुलझे।"
क्या कहता है ट्रंप-मुनीर गठजोड़?
विश्लेषकों के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति की पाक सेना प्रमुख के साथ यह मुलाकात कई संकेत देती है। ट्रंप अमेरिका में चुनाव से पहले दक्षिण एशिया नीति को रीसेट करने के प्रयास में हैं। पाकिस्तान, अमेरिका के लिए ईरान पर नजर रखने और अफगानिस्तान पर रणनीतिक दबाव के लिहाज से अहम बना हुआ है। लेकिन पाकिस्तानी सेना के मानवाधिकार रिकॉर्ड और लोकतंत्र पर हमलों को लेकर अमेरिका में तीव्र असंतोष है।
ईरान-इजरायल टकराव की पृष्ठभूमि
पिछले कुछ दिनों में इजरायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले किए, जिनके जवाब में ईरान ने मिसाइल और ड्रोन हमलों की झड़ी लगा दी। इस संघर्ष में सैकड़ों नागरिकों की मौत हो चुकी है, और वैश्विक समुदाय युद्ध के व्यापक विस्तार की आशंका से चिंतित है। ऐसे में ट्रंप और मुनीर की व्हाइट हाउस में यह बैठक सिर्फ एक औपचारिक लंच नहीं, बल्कि आने वाले अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों की दिशा तय करने वाली एक कूटनीतिक चाल भी मानी जा रही है।