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UNSC की क्लोज डोर मीटिंग में India-Pakistan tension पर चर्चा, पाकिस्तान ने कश्मीर राग अलापा

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की क्लोज डोर बैठक आयोजित हुई। गुटेरेस ने हालात को खतरनाक बताया, पाकिस्तान ने कश्मीर और सिंधु जल मुद्दा उठाया।

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Dhiraj Dhillon
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गहरी चिंता जताई।

Photograph: (Google)

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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। पाकिस्तान की अपील पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बंद कमरे में बैठक रविवार रात (भारतीय समयानुसार) एक बजे शुरू हुई। यह बैठक तब हुई जब भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच हालात "वर्षों में सबसे अधिक तनावपूर्ण और खतरनाक" हैं।

सुरक्षा परिषद का अस्थाई सदस्य है पाकिस्तान

इस समय UNSC का अस्थायी सदस्य पाकिस्तान है, जबकि भारत इसमें शामिल नहीं है। पाकिस्तान की मांग पर परिषद के वर्तमान अध्यक्ष ग्रीस ने 5 मई की तारीख तय की। बैठक मुख्य कक्ष की बजाय 'कंसल्टेशन रूम' में आयोजित हुई, जो बंद दरवाजों के पीछे विचार-विमर्श के लिए प्रयोग होता है। यूएन महासचिव के सहायक खालिद मोहम्मद खियरी, जो एशिया-प्रशांत मामलों के प्रभारी हैं, ने बैठक में राजनीतिक स्थिति का ब्योरा दिया।

यूएन महासचिव गुटेरेस का बयान

गुटेरेस ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की। उन्होंने दोहराया कि नागरिकों को निशाना बनाना स्वीकार नहीं किया जा सकता और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।उन्होंने कहा-अब समय है कि भारत और पाकिस्तान सैन्य टकराव से बचें और संवाद की राह पर लौटें।

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

UN में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि आसिम इफ्तिखार अहमद ने प्रेस वार्ता कर दावा किया है-बैठक ने हमारे अधिकांश उद्देश्य पूरे कर दिए हैं। कई देशों ने समर्थन किया कि सभी विवाद शांति से, UNSC प्रस्तावों और कश्मीरी जनता की मर्जी के मुताबिक सुलझाए जाएं।पाकिस्तान ने भारत पर 23 अप्रैल को एकतरफा पाबंदियां थोपने और क्षेत्र में सैन्य जमावड़ा बढ़ाने का आरोप लगाया।

सिंधु जल संधि पर भी सवाल

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इफ्तिखार अहमद ने भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के निर्णय पर चिंता जताई। उन्होंने कहा- पानी जीवन है, हथियार नहीं। यदि नदियों के बहाव में हस्तक्षेप हुआ तो यह निम्न प्रवाही देशों के लिए सीधी आक्रामकता होगी। अभारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने इस बैठक को "प्रचारात्मक प्रयास" करार देते हुए कहा कि इससे कोई ठोस निर्णय निकलने की उम्मीद नहीं है। भारत का मानना है कि पाकिस्तान इस मंच का इस्तेमाल 'धारणाएं गढ़ने' के लिए कर रहा है।

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