नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
अब अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भारतीयों की टेंशन बढ़ा दी है। वेंस ने ग्रीन कार्ड को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंंने कहा है कि ग्रीन कार्ड होल्डर्स को यह नहीं समझना चाहिए कि वे अमेरिका में हमेशा रह सकते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि ग्रीन कार्ड अमेरिका में किसी को भी स्थायी रूप से रहने की गारंटी नहीं देता।
फॉक्स न्यूज के शो द इंग्राहम एंगल में होस्ट लॉरा इंग्राहम के साथ बातचीत के दौरान वेंस ने कहा, "ग्रीन कार्ड धारकों को अनिश्चितकाल तक अमेरिका में रहने का अधिकार नहीं है।
यह राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय है
अमेरिकी उप राष्ट्रपति ने जेडी वेंस ने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का विषय है। हम अमेरिकी नागरिकों के रूप में अपने समाज में किन्हें शामिल करना चाहते हैं और किन्हें नहीं।" उन्होंने आगे कहा, "अगर विदेश मंत्री और राष्ट्रपति यह तय करते हैं कि किसी व्यक्ति को अमेरिका में नहीं रहना चाहिए, तो उस व्यक्ति को यहां रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है, चाहें वह ग्रीन कार्ड होल्डर ही क्यों न हो। बता दें कि वेंस का यह बयान कोलंबिया यूनिवर्सिटी के ग्रीन कार्ड धारक छात्र महमूद खलील की गिरफ्तारी के संदर्भ में आया है। खलील को इजरायल-हमास युद्ध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के कारण हिरासत में लिया गया था।
ग्रीन कार्ड: नागरिकता का पहला कदम
ग्रीन कार्ड, जिसे स्थायी निवासी कार्ड भी कहा जाता है, विदेशी नागरिकों को अमेरिका में रहने और काम करने की अनुमति देता है। इसके आधार पर लोग अमेरिकी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। अमेरिका में करीब 28 लाख भारतीय ग्रीन कार्ड धारक हैं, जो इसे अपने स्थायी निवास की गारंटी मानते हैं। वेंस के इस बयान के बाद इन 28 भारतीयों में खलबली मच गई है।
ट्रंप की वापसी से नागरिकता कानून सख्त हुए
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका में प्रवासियों पर सख्ती और बढ़ गई है। अमेरिका में नागरिकता कानून कड़े किए जा रहे हैं। अवैध प्रवासियों को जबरन देश से बाहर भेजा जा रहा है, वहीं वैध प्रवासियों को भी वीजा और ग्रीन कार्ड प्रक्रियाओं में कड़े नियमों का सामना करना पड़ रहा है। यह साफ हो चुका है कि ट्रंप के कार्यकाल के अगले चार वर्षों में अमेरिका में स्थायी या अस्थायी रूप से बसना और नागरिकता हासिल करना पहले से कहीं ज्यादा मुश्किल होने वाला है।