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Los Angeles Protests के दौरान भड़की हिंसा, पुलिस ने किया आंसू गैस और फ्लैश बैंग्स का इस्तेमाल

लॉस एंजेलेस में 'नो किंग्स डे ऑफ डिफायंस' प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई। प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच टकराव हुआ, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस, स्मोक ग्रेनेड और फ्लैश बैंग्स का इस्तेमाल किया।

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Jyoti Yadav
Los Angeles Protests
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लॉस एंजेलेस, वाईबीएन डेस्क | ‘नो किंग्स डे ऑफ डिफायंस’ के तहत अमेरिका के कई शहरो में प्रदर्शन जारी है। अमरिकाके लॉस एंजेलेस में समेत कई शहरो में इमिग्रेशन नीतियों के खिलाफ जारी प्रदर्शन के हालात उस समय बिगड़ गए जब प्रदर्शनकारी और सुरक्षाबल आमने-सामने आ गए। हालात काबू में लाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस, स्मोक ग्रेनेड और फ्लैश बैंग्स का इस्तेमाल किया। बता दें, प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने एडवर्ड आर. रॉयबाल फेडरल बिल्डिंग के बाहर जुटकर वहां तैनात मरीन सैनिकों पर नारेबाजी की। दोपहर बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर होने का आदेश दिया, जब कुछ लोग पत्थर, ईंट और बोतलें फेंकने लगे।  

बता दें, प्रदर्शनों को लेकर लगभग 400 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है।गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए लोगों में 330 अवैध प्रवासी और 157 अन्य लोग शामिल हैं। लॉस एंजेलिस पुलिस विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि शहर में कर्फ्यू के पहले ही दिन भीड़ जुटाने के मामले में 203 गिरफ्तारियां हुईं, जबकि कर्फ्यू का उल्लंघन करने के लिए 17 गिरफ्तारियां की गईं। अशांति के कारण लॉस एंजेलिस पुलिस विभाग पर बहुत ज्यादा दबाव था। स्थिति को देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 4 हजार से अधिक नेशनल गार्ड सैनिकों और लगभग 700 एक्टिव ड्यूटी मरीन को लॉस एंजेलिस भेजा। ट्रंप ने इसे "शांति और सार्वजनिक व्यवस्था पर हमला" बताते हुए चेतावनी दी कि प्रदर्शनकारियों पर नकेल कसने के लिए विद्रोह अधिनियम लागू कर सकते हैं, जिससे सेना को आंतरिक अशांति के दौरान सख्ती से कार्रवाई करने का अधिकार मिलता है।

क्यों शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन 

यह विरोध पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंपके जन्मदिन और वॉशिंगटन डीसी में हुए मिलिट्री परेड के विरोध में आयोजित किया गया था। आयोजकों का कहना था, “वास्तविक ताक़त वाशिंगटन में नहीं, जनता में होती है।”हालांकि इससे पहले ही पिछले सप्ताह ICE (इमिग्रेशन) कार्रवाई के खिलाफ लॉस एंजेलेस में प्रदर्शन शुरू हो गए थे। राज्यपाल गेविन न्यूसम ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ मुकदमा भी दायर किया, जिसमें सैन्य बलों को नागरिक क्षेत्रों में तैनात करने पर रोक लगाने की मांग की गई। देशभर में हुए 2,100 से अधिक प्रदर्शनों में 50 लाख से ज़्यादा लोग शामिल हुए। 

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शहर में कर्फ्यू जारी 

एलएपीडी और काउंटी शेरिफ डिपार्टमेंट के अनुसार, उन पर मोलोटोव कॉकटेल, कमर्शियल ग्रेड आतिशबाज़ी और अन्य खतरनाक वस्तुएं फेंकी गईं। शेरिफ रॉबर्ट लूना ने कहा, “हमारी टीमें तब ही कम-घातक हथियारों का उपयोग करती हैं जब उन पर हमला होता है।” मीडिया को दी जानकारी में कई प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बिना चेतावनी के ज़्यादा आक्रामकता दिखाई, जिससे हिंसा भड़की। “वे बिना चेतावनी के अंदर घुस आए, यह तो आवाज़ दबाने की कार्रवाई है।  मेयर करेन बैस द्वारा मंगलवार को लगाया गया रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक का कर्फ्यू अब भी प्रभाव में रखा है। शनिवार, 14 जून रात उन्होंने कहा कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण हो, ताकि प्रशासन को हस्तक्षेप का बहाना न मिले। 

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