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kanpur : चन्नई के मैदान में RCB vs CSK मैच में लगातार आठ बार आरसीबी को हराने के बाद इस टीम पर सीएसके का जो दबदबा बना था वह कल के मैच में सीएसके की घटिया कप्तानी ने कम कर दिया। इसके साथ ही घर में दबाव बनाने की चेन्नई की साख को भी झटका लग सकता है। घर में मिली यह हार आने वाले मैचों में सीएसके के लिये नुकसान दायक हो सकती है क्योंकि MS DHONI व जडेजा जैसे धुरंधर खिलाडियों की धमक भी अब दूसरी टीमों पर कम हो सकती है। आरसीबी ने यह मैच 50 रन के बड़े अंतराल से जीता। ये मानना होगा के कल चेन्नई बनाम बैंगलोर का IPL 2025 मैच उम्मीदों के विपरीत बिल्कुल एक–तरफा रहा। यह कहना है यूपी रणजी टीम के सदस्य रहे फैजान खान का।
यह रहे कप्तान के गलत फैसले
कानपुर के चमनगंज में रहने वाले रेलवे में कार्यरत क्रिकेटर फैजान का कहना है कि प्रतिष्ठा वाले इस मैच में सीएसके के कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ शुरू से ही गलत फैंसला लेते गए जिसका खामियाजा टीम को हार के रूप में चुकाना पड़ा। बल्लेबाजों के लिये शुरूआत में ही मुफीद पिच पर चेन्नई के कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ ने टॉस जीत कर पहले गेंदबाजी करने का फैसला ले लिया जो उन्हें भारी पड़ा। इस झटके से वह उबर नहीं पाए। बैंगलोर ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 7 साथ विकेट खोकर ताबड़तोड़ 196 रन बनाए। जहां कोहली और सॉल्ट ने अच्छी शुरुआत देते हुए 46 रन की साझेदारी की वही कप्तान रजत पाटीदार ने कप्तानी पारी खेलते हुए 32 गेंदों में 51 रन बनाए। टिम डेविड ने पारी के आखिरी कुछ ओवरों में 3 छक्के लगाकर स्कोर को 196 तक पहुंचाया वही चेन्नई की तरफ से गेंदबाजी करते हुए अफगानिस्तान के युवा स्पिनर नूर अहमद ने एक बार फिर अपने हुनर का जलवा दिखा दिखाया औऱ तीन विकेट हासिल किये।
बल्लेबाजी क्रम भी ठीक नहीं रहा
आरसीबी द्वारा दिये गये बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिये चेन्नई की टीम का बल्लेबाजी क्रम भी बेहतर नहीं रहा यहां कप्तान की भूमिका महत्वपूर्ण होती है लेकिन वह परिस्थिति के हिसाब से बल्लेबाजी क्रम में बदलाव नहीं कर सके। चेन्नई की पारी शुरुआत से ही लड़खाती हुई दिखी जब उन्होंने पावरप्ले के दौरान ही 3 विकेट गंवा दिए। पावरप्ले में ही तीन महत्वपूर्ण विकेट गिरने के बाद जब रन रेट बेहतर करने की जरूरत की तब चेन्नई के कप्तान ने सैम करन को मैदान पर बल्लेबाजी के लिये भेज दिया। यहां रवीन्द्र जडेजा को मैदान पर भेजा जा सकता था क्योंकि वह लंबे शाट खेलने के साथ ही विकेट के बीच दौड़कर रन बनाने की भी काबलियत रखते हैं अगर उस समय एक-एक रन लेकर स्कोर को बढ़ाया जाता तो आऱसीबी के गेंदबाजों पर दबाव बढ़ता और वह अपनी लय से भटक सकते थे जिसका लाभ उठाने के लिये रवींद्र जडेजा और रचिन रवींद्र दोने ही सक्षण थे।
धोनी से पहले अश्वनी मैदान में उतरे
विकेट गिरने के बाद रन रेट बढ़ता जा रहा था ऐसे में सभी को उम्मीद थी कि लंबे-लंबे शाट खेल कई बार टीम को जिताने वाले भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी मैदान में उतरकर मैच का रुख बदल सकते हैं लेकिन कप्तान ने ऐसी स्थिति में भी धोनी के पहले आर अश्वनी को बल्लेबाजी के लिये मैदान पर भेज दिया। वह गेंदें भी खेल गए और तेजी से रन भी नहीं बना सके जिसके चलते जब धोनी मैदान पर उतरे तब तक रन रेट इतना बढ़ चुका था कि वह भी शाट नहीं पाए।
चेन्नई के बल्लेबाजों की धीमी बल्लेबाजी
जहां बंगलौर के कप्तान रजत पाटीदार तथा डेविड ने तेजी से रन बनाकर टीम के स्कोर को 196 रन तक पहुंचाया वहीं चेन्नई का कोई बल्लेबाज तेजी से रन नहीं बना सका। हालांकि चेन्नई की ओर से खेलते हुए रचिन रविंद्र (41) और जड़ेजा (25) ने पारी को कुछ संभालने की कोशिश की लेकिन इनका रन रेट भी ऐसा नहीं था कि टीम प्रति ओवर दस के रन रेट से बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही हो।
विदेशी गेंदबाजों ने दिखाया दम
इस प्रतिष्ठा पूर्ण मुकाबले में विदेशी गेंदबाजों ने अपना दम दिखाया जहां चेन्नई की तरफ से नूर मोहम्मद तीन विकेट लेने के साथ ही बल्लेबाजों पर अंकुश लगाने में सफल रही वहीं बैंगलोर के लिए खेलते हुए ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड के सामने बल्लेबाज़ जूझते हुए नज़र आए, उन्होंने 4 ओवर में 21 रन देकर 3 विकेट चटकाए। बैंगलोर के कप्तान रजत पाटीदार अपने शानदार अर्धशतक के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुने गए। अन्ततः बैंगलोर ने ये मैच 50 रनों से जीतकर 2008 के बाद पहली बार चेन्नई को चेपॉक में हराया।