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अखाड़ा बनी Jharkhand assembly, अब पेंशन के मुद्दे पर तकरार, BJP विधायकों ने किया वॉकआउट

झारखंड में ‘मंईया सम्मान योजना’ की तरह दिव्यांग, विधवा और वृद्धा पेंशन की राशि 2500 रुपए करने की मांग पर विधानसभा में भाजपा विधायकों ने हंगामा किया।

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Dhiraj Dhillon
Jharkhand Assembly

रांची, आईएएनएस।

झारखंड विधानसभा आए दिन विपक्ष के विधायकों के हंगामे के चलते अखाड़ा बन गई है। गुरुवार को भी विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। झारखंड में ‘मंईया सम्मान योजना’ की तरह दिव्यांग, विधवा और वृद्धा पेंशन की राशि 2500 रुपए करने की मांग पर गुरुवार को विधानसभा में सरकार की ओर से स्पष्ट जवाब न मिलने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने वेल में पहुंचकर हंगामा किया। स्पीकर रबिंद्रनाथ महतो ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन भाजपा विधायक सरकार से तत्काल जवाब की मांग पर अड़े रहे। इसके बाद भाजपा के सभी विधायकों ने सदन का वॉकआउट कर दिया। 

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पेंशन की राशि बढ़ाने का मामला उठाया

गढ़वा के भाजपा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने सदन में पेंशन की राशि बढ़ाने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य में 18 साल से 50 साल तक की महिलाओं को मंईया सम्मान योजना में 2500 रुपये की प्रोत्साहन राशि मिल रही है, लेकिन जब वही मंईया 51 साल की हो जाती हैं तो पेंशन राशि घटकर 1000 रुपये हो जाती है। व्यावहारिकता को ध्यान में रखते हुए वृद्ध, दिव्यांग और विधवा को भी ढाई हजार रुपए की राशि बतौर पेंशन दी जानी चाहिए।

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वृद्धों की पेंशन कम किए जाने सवाल 

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भाजपा विधायक ने कहा कि स्कूलों में काम करने वाली सेविकाओं-सहायिकाओं को मात्र 2000 रुपये मिल रहे हैं। कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि मंईया सम्मान योजना का दूसरी योजनाओं से कोई संबंध नहीं है। अन्य सभी योजनाएं एकल हैं। भाजपा के बाबूलाल मरांडी ने भी इस मामले को अहम बताते हुए कहा कि जब 18 से 50 साल की महिलाओं को सरकार ढाई हजार रुपए दे रही है तो विधवा, दिव्यांग और वृद्धों को भी उनके बराबर राशि मिलनी ही चाहिए। सरकार को इस पर स्पष्ट उत्तर देना चाहिए।

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भाजपा विधायक बोले, हां- नां में जवाब दें

कांग्रेस के रामेश्वर उरांव ने भी कहा कि मंईया सम्मान योजना निःसंदेह अच्छी योजना है, लेकिन जो महिलाएं सेविका-सहायिका-रसोइया जैसा काम करती हैं, उन्हें कम पैसे क्यों मिल रहे हैं? सरकार को इस पर विचार करना चाहिए। इस बीच भाजपा विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंच गए। उन्होंने पेंशन राशि बढ़ाने पर वित्त मंत्री से हां या ना में जवाब मांगा। स्पीकर ने हस्तक्षेप की कोशिश की तो सभी भाजपा विधायक सदन से बाहर निकल गए।

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