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बिहार में लाइब्रेरियन पदों पर बहाली जल्द, जानें योग्यता और नियम

बिहार सरकार ने 14 वर्षों बाद लाइब्रेरियन पदों पर भर्ती को मंजूरी दी है। इस प्रक्रिया को BPSC के माध्यम से पूरा किया जाएगा और जल्द ही इसका नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। 

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Suraj Kumar
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क।बिहार सरकार ने 14 साल बाद लाइब्रेरियन (पुस्तकालयाध्यक्ष) पदों पर भर्ती को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद अब इस प्रक्रिया को बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के माध्यम से पूरा किया जाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, BPSC जल्द ही इस भर्ती का नोटिफिकेशन जारी करेगा और इसके बाद आवेदन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। योग्य और इच्छुक उम्मीदवार इस भर्ती में भाग ले सकेंगे। उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा के आधार पर किया जाएगा। इस बार नई नियमावली के तहत भर्ती में डोमिसाइल नीति भी लागू की गई है, जिससे बिहार के स्थानीय उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी।

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कौन-कौन कर सकता है आवेदन?

लाइब्रेरियन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवार को पुस्तकालय विज्ञान (Library Science) में स्नातक की डिग्री प्राप्त होनी चाहिए। सामान्य वर्ग के लिए न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक अनिवार्य हैं, जबकि आरक्षित वर्ग, महिलाएं और दिव्यांग उम्मीदवार 40 प्रतिशत अंकों के साथ आवेदन कर सकते हैं। इसके साथ ही पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना भी आवश्यक होगा। उम्मीदवार की न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए। अधिकतम आयु सीमा की जानकारी नोटिफिकेशन जारी होने के बाद स्पष्ट की जाएगी, हालांकि नई नीति के तहत 10 वर्ष तक की आयु छूट देने का प्रावधान है।

मुख्‍यमंत्री ने सोशल मीडिया के जरिए दी जानकारी 

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इसके साथ ही, बिहार सरकार ने राज्य के युवाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से ‘बिहार युवा आयोग’ के गठन की घोषणा भी की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने X (पूर्व Twitter) अकाउंट पर इस संबंध में जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि यह आयोग युवाओं को बेहतर शिक्षा, प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए कार्य करेगा। बिहार कैबिनेट ने इस आयोग के गठन को भी मंजूरी दे दी है।

बिहार युवा आयोग में एक अध्यक्ष, दो उपाध्यक्ष और सात सदस्य होंगे, जिनकी अधिकतम आयु 45 वर्ष रखी गई है। आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि राज्य के स्थानीय युवाओं को निजी क्षेत्र की नौकरियों में प्राथमिकता मिले। इसके अलावा, राज्य से बाहर पढ़ने या काम करने वाले युवाओं के हितों की रक्षा भी इसका एक प्रमुख कार्य होगा। आयोग समाज में नशे और अन्य सामाजिक बुराइयों के खिलाफ सरकार को सुझाव देगा और जागरूकता कार्यक्रम भी चलाएगा। राज्य सरकार की यह पहल युवाओं को आत्मनिर्भर और रोजगारोन्मुखी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है

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