कानपुर, वाईबीएन संवाददाता।
जिलाधिकारी ने शुक्रवार को बैठक कर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के पेंच कसे। फरमान सुनाया कि अगर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ हुआ तो कार्रवाई के लिए तैयार रहे आप लोगों द्वारा की गई गलतियों की सजा छात्रों को भुगतनी पड़ती है। अब ऐसा नहीं होगा। जो गलती करेगा उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गलती आप करें और भुगतें छात्र, अब यह नहीं चलेगा
बैठक में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा गरीब बच्चों को छात्रवृत्ति योजना संचालित की जा रही है। लेकिन समस्या तब आ जाती है जब पात्र छात्र-छात्राओं के प्रयास के बाद भी छात्रवृत्ति प्राप्त नहीं हो पाती है। जिलाधिकारी ने कहा छात्रवृत्ति का डेटा गलत भरे जाने, गलत सत्यापन किए जाने के कारण जिला समाज कल्याण अधिकारी और जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी के साथ-साथ विश्वविद्यालय या अन्य संस्थाओं की शिथिलता और लापरवाही के कारण छात्रवृत्ति से छात्र वंचित रह जाते हैं। छात्र-छात्राओं को समय से छात्रवृत्ति नहीं मिल पाती है।
जांच के लिए बनाई तीन सदस्यीय समिति
जिलाधिकारी ने सभी को फटकार लगाते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ छात्र ऐसे हैं जो छात्रवृत्ति से ही अपनी फीस जमा करते हैं। इस योजना के लाभ से कई छात्रों का भविष्य बनता है लेकिन आप लोगों की गलतियों का खामियाजा छात्र भुगतते हैं लेकिन अब ऐसा नहीं होना चाहिए। जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय समिति गठित की, जिसमें एसीएम- 3 अबिचल प्रताप सिंह की अध्यक्षता में जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय और जिला दिव्यांग कल्याण अधिकारी सदस्य के तौर पर शामिल हैं। समिति द्वारा संबंधित संस्था व अधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय करते हुए छात्रवृत्ति से संबंधित समस्त प्रकरणों की जांच करके तीन सप्ताह में आख्या देने के निर्देश दिए।
गड़बड़ी मिली तो छोडूंगा नहीं
जिलाधिकारी ने कहा कि छात्रवृत्ति के लिए भटक रहे छात्र- छात्राओं के शैक्षिक भविष्य को लेकर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जांच के उपरांत जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके विरुद्ध सख्त विधिक कार्रवाई की जाएगी।
समय समय पर करूंगा मॉनीटरिंग
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि समय-समय पर मैं शिक्षा विभाग की मॉनीटरिंग भी करूंगा कि मेरे द्वारा दिए गए आदेशों का पालन किया जा रहा है या नहीं। कहीं पर भी लापरवाही मिली तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी होगी