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वक्फ संशोधन बिल को लेकर कानपुर कमिश्नरेट पुलिस हाई अलर्ट मोड पर आ गई है। इसको लेकर पहले से ही सतर्क कमिश्नरेट पुलिस मंगलवार को ही दंगा नियंत्रण स्कीम लागू कर चुकी है। वक्फ संशोधन बिल पर बुधवार को लोकसभा में चर्चा शुरु होने से पहले ही संवेदनशील इलाकों के चप्पे पर पुलिस नजर आने लगी।
पुलिस लाइन में दंगा नियंत्रण की माकड्रिल
एसीपी पश्चिम आरती सिंह ने दंगा नियंत्रण स्कीम के तहत रिजर्व पुलिस लाइन में माकड्रिल कराई। इसमें पुलिस फोर्स के सैकड़ों जवानों ने आवश्यक उपकरणों के साथ माक ड्रिल की। इस दौरान कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत पुलिस बल को सतर्क एवं मुस्तैद रहने के निर्देश दिए गए।
संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष चौकसी के लिए कहा गया। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि सामाजिक सौहार्द्र बनाए रखने के लिए नागरिकों खासकर व्यापारियों से संवाद बनाए रखें। संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखें। सार्वजनिक स्थलों पर संदिग्ध गतिविधियों नजर आएं तो तुरंत कार्रवाई करें। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहें। इस दौरान एसीपी पश्चिम आरती सिंह के अलावा परिवीक्षाधीन आईपीएस अरुण कुमार व पश्चिम जोन के सभी थाना प्रभारी मौजूद रहे।
बराबर गश्त करते रहें डीसीपी और एडीसीपी
कानपुर में सभी डीसीपी और एडीसीपी को अपने क्षेत्रों में भ्रमणशील रहकर स्थितियों को देखते रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। संवेदनशील इलाकों में भारी पुलिस बल के अलावा पीएसी तैनात की गई है। इसके अलावा ड्रोन कैमरे और सीसीटीवी से भी नजर रखी जा रही है।
धर्मगुरुओं से भी लगातार वार्ता, शांति की अपील
इसके अतिरिक्त धर्मगुरुओं से भी लगातार वार्ता की जा रही है ताकि कोई माहौल खराब न हो सके। पुलिस अफसर लगातार लोगों से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील कर रहे है।
काली पट्टी बांधकर हुआ था विरोध
ईद से पहले जुमा की नमाज के दौरान लोगों ने काली पट्टी बांधकर वक्फ संशोधन बिल का विरोध किया था। ऐसी स्थितियों को देखते हुए कमिश्नरेट पुलिस हाई अलर्ट मोड पर है। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील इलाकों में दंगा नियंत्रण संसाधनों से लैस पुलिस के जवान लगातार पैदल गश्त कर रहे हैं। स्थितियों पर पूरी तरह से नजर रखी जा रही है।
चार हजार पुलिस जवानों के साथ पीएसी भी उतरी
किसी भी स्थिति से निपटने के लिए कमिश्नरेट पुलिस ने पहले से तैयारी कर ली है। अगर कोई माहौल खराब करने का प्रयास करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। चार हजार पुलिस के जवानों के साथ पीएसी को भी सड़कों पर उतारा गया है जो लगातार सेंसटिव इलाकों में गश्त कर रहे हैं। इसके अलावा ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से भी ऐसे क्षेत्रों की निगरानी की जा रही है।
चार जोन चार डीसीपी की तर्ज पर सौंपी जिम्मेदारी
जिला, पहले ही पूर्वी, सेंट्रल, पश्चिमी और दक्षिण चार जोन में बंटा है। इसी तर्ज पर सभी डीसीपी को अपने अपने क्षेत्रों की कमान सौंपी गई है। निर्देश है कि सभी डीसीपी एडीसीपी, एसीपी और थानेदार अपने क्षेत्रों के संवेदनशील इलाकों में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए भ्रमणशील रहेंगे। इसको लेकर सभी पुलिस अधिकारी लोगों और धर्मगुरुओं से वार्ता कर शांति व्यवस्था बनाने की अपील कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर निगरानी
पुलिस के एक्सपर्ट सोशल मीडिया पर नजर बनाए हुए हैं। अगर कोई व्यक्ति सोशल मीडिया पर भ्रामक या भड़काऊ सूचना प्रसारित करेगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एक्स, फेसबुक और इंस्ट्राग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर निगरानी रखी जा रही है। लोगों से लगातार कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की जा रही है।
कानपुर में वक्फ की संपत्तियां
कानपुर के अलग अलग इलाकों में वक्फ की कुल 1669 संपत्तियों का विवरण है। इसमें शिया वक्फ बोर्ड की 1635 संपत्तियां है जबकि सुन्नी वक्फ बोर्ड की महज 34 संपतियों की जानकारी सामने आई है। इनमें में 548 मामले राजस्व विभाग को सौंपे गए है।
वक्फ संशोधन को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष की राय
बुधवार 12 बजे के करीब वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पेश किया गया। सरकार जहां विधेयक को मुस्लिमों के हित में एक सुधारात्मक कदम बता रही, वहीं विपक्ष पुरजोर विरोध पर उतरा है। विपक्षी दलों का कहना है कि विधेयक संविधान का उल्लघंन है और धार्मिक आजादी के खिलाफ है। बिल पर चर्चा के लिए विपक्ष ने 12 घंटे का समय मांगा था लेकिन सरकार ने 8 घंटे का समय दिया है। इसमें 4 घंटे 40 मिनट का समय सत्तापक्ष को दिया गया है।