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Photograph: (young Bharat)
श्रीमद्भगवद्गीता वैदिक न्यास के तत्वावधान में 30 मार्च रविवार को नव संवत्सर (विक्रम संवत 2082) के पहले दिन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर शहर में 6 स्थानों से गीता संदेश यात्राएं निकाली जाएंगी। साथ ही नववर्ष महोत्सव का आयोजन शाम 5 बजे जे. के. मंदिर में होगा।
श्रीमद्भगवद्गीता वैदिक न्यास के तत्वावधान में होंगे कार्यक्रम
नववर्ष पर सभी कार्यक्रम श्रीमद्भगवद्गीता वैदिक न्यास के तत्वावधान में होंगे। गीता संदेश यात्रा एवं रंगारंग सांस्कृतिक संध्या के सम्बन्ध में शुक्रवार को हुई पत्रकार वार्ता में बताया गया कि रंगारंग कार्यक्रमों व संगीत प्रस्तुतियों के बीच लोगों को गीता ग्रंथ के स्वाध्याय का संदेश दिया जाएगा। कार्यक्रम में ब्रम्हचारी कौशिक चैतन्य जी मुख्य आचार्य चिन्मय मिशन लखनऊ होगें। आरएसएस के प्रान्त संघ चालक भवानी भीख कार्यक्रम की आध्यक्षता करेंगे।
जेके मंदिर में होगा सभी यात्राओं का समापन
संस्था के पाण्डु नगर स्थित केन्द्रीय कार्यालय में हुई पत्रकार वार्ता में संस्था के पदाधिकारियों ने बताया कि सायं 3 बजे से शहर के विभिन्न स्थानों से गीता संदेश यात्राएँ निकाली जाएँगी, जो श्री राधा कृष्ण मंदिर (जे. के. मन्दिर) पर सायं 5 बजे आकर समाप्त होंगी। यहीं सभी यात्राओं का स्वागत होने के साथ ही सांस्कृतिक संध्या महोत्सव का आयोजन होगा।
चार साल से घर-घर जगा रहे हैं गीता की अलख
श्रीमद्भगवद्गीता वैदिक न्यास के अध्यक्ष डॉ. उमेश पालीवाल ने बताया कि संस्था समाज में पावन ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता के प्रचार-प्रसार के लिए कार्य कर रही है। संस्था द्वारा गत चार वर्षों से कानपुर समेत अन्य जिलों में भी घरों में गीता ज्ञान यज्ञ, प्रदेशव्यापी गीता संदेश मानय श्रृंखला, गीता कर्मयोगी सम्मान, गीता जयंती वार्षिक स्मारिका, गीता मनीषियों द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी तथा प्रति वर्ष भारतीय नववर्ष के दिन नववर्ष गीता संदेश यात्रा आदि कार्यक्रमों के माध्यम से जन आन्दोलन चलाया जा रहा है।
बनाई थी दो हजार किलोमीटर की मानव शृंखला
उन्होंने बताया कि 12 दिसम्बर 2024 को श्रीमद्भगवद्गीता जयंती के दिन विशेष रूप से कानपुर प्रान्त समेत पूरे उत्तर प्रदेश में 2000 किलोमीटर से अधिक लम्बी मानव शृंखला बनाकर जनमानस विशेष रूप से विद्यार्थियों में गीता को लेकर जागरण तथा रुचि पैदा करने का कार्य किया गया है। गीता जयंती के दिन प्रदेश के 51 स्थानों पर गीता ज्ञानयज्ञ के कार्यक्रम हुए।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर में गीता पर राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ, जिसमें 200 अध्यापकों व छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराकर सहभागिता की तथा 50 शोधपत्र प्रस्तुत किये गये। इस कान्फ्रेंस में आई.आई. एम. बैंगलोर और आई.आई.एम. लखनऊ से आये प्रोफेसरों ने व्याख्यान दिये तथा ईग्लैंड के विद्वान ने आनलाईन व्याख्यान दिये। अनेक स्थानों पर श्रीमद्भगवद्गीता सरस्वती ज्ञान मन्दिर गीता श्लोक प्रतियोगिता का आयोजन हुआ।
गीता आंदोलन आगे बढ़ने वालों का होगा सम्मान
संस्था के संरक्षक भवानी भीख ने बताया कि हमें अपनी संस्कृति और विरासत को सम्भाल कर रखना है तथा उससे प्रेरणा लेनी है। उन्होंने कहा कि हमें गीता से जीवन जीने की कला सीखनी है और इस भारतीय नववर्ष महोत्सव में गीता आंदोलन को आगे बढ़ने वाले शहर के विशिष्ट जनों को सम्मानित किया जायेगा।
इस बार भी निकाला जाएगा भारतीय नववर्ष परिशिष्ट
पत्रकार वार्ता में न्यास के संरक्षक एवं आर.एस.एस. प्रचारक तथा हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान के क्षेत्रीय संयोजक पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र अमरनाथ ने कहा कि अब भारतीय जनमानस अपने नववर्ष के प्रति जागरूक है। हालांकि लोगों को विक्रमी संवत के बारे में बहुत कुछ जानने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि प्रान्त के तीन जिलों में श्रीमद्भवदगीता परिशिष्ट निकाला गया था। इस बार भी भारतीय नववर्ष परिशिष्ट निकाला जायेगा।
पीएम से सीएम से करेंगे गीता को पाठ्यक्रम में सम्मिलित कराने की मांग
संस्था के महामंत्री परमानन्द शुक्ल ने बताया कि श्रीमदभगवद्गीता को जन-जन तक पहुंचाने के लिये न्यास की ओर से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जाएगा। इसमें गीता को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने की माँग की जायेगी। न्यास के प्रयासों से कई प्रमुख समाचार पत्रों में नववर्ष जागरूकता के लिए काल गणना विषयक आलेख प्रकाशित किये जायेगें।
गीता शिक्षक बनने के लिए ऋषिकेश में होगा प्रशिक्षण
उन्होंने बताया कि न्यास के प्रयास से सैकड़ों विद्यालयों की प्रार्थना सभाओं में गीता श्लोकों को शामिल किया गया है तथा भविष्य में संस्था द्वारा विद्यालयों में नैतिक शिक्षा को भी पढ़ाने के लिये विभिन्न प्रयास किये जायेंगे। गीता के विद्वान शिवेन्द्र नागर की उपस्थिति में न्यास के कार्यकर्ताओं ने सैकड़ों लोगों को गीता शिक्षक बनने के लिए प्रशिक्षण दिलाने की योजना बनायी है। यह प्रशिक्षण ऋषिकेश में होगा। न्यास ने यह भी निर्णय लिया है कि सभी मन्दिरों, विद्यालयों व सार्वजनिक स्थानों पर गीता स्वाध्याय के लिए प्रेरित करने के स्थायी बोर्ड लगवाये जाएँगे, जिससे कि कानपुर महानगर में गीता स्वाध्याय का वातावरण बनाया जा सके।
पत्रकार वार्ता में ये लोग रहे मौजूद
पत्रकार वार्ता में परशुराम महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपेश अवस्थी, डॉ. रोचना विश्नोई, राजीव महाना, प्रेम चन्द्र अग्निहोत्री, डॉ. यू सी. सिन्हा, राजेन्द्र अवस्थी, कमल त्रिवेदी, डा. के.के. शुक्ला, अखिलेश शुक्ला, दिलीप राजपूत, हीरेन्द्र मुरझानी
आदि उपस्थित रहे।
30 मार्च को शहर की यात्राओं का विवरण
- पूर्व भाग: सिद्धनाथ मन्दिर से व अन्य यात्राएँ त्रिमूर्ति मन्दिर, रामादेवी पर एकत्रित होंगी। यहाँ की यात्रा का निर्देशन महंत अरुण पुरी महाराज और राजीव महाना करेंगे।
- पश्चिम भाग यात्रा पनकी स्थित श्री हनुमान मंदिर से महंत जितेन्द्र दास जी महाराज और प्रेम चन्द्र अग्निहोत्री के निर्देशन में निकलेगी।
- उत्तर भाग यात्रा इस्कॉन मन्दिर, मैनावती मार्ग से मुकेश पालीवाल व उमेश निगम के निर्देशन में निकलेगी।
- दक्षिण भाग: सोटेवाले हनुमान मन्दिर व अन्य स्थानों से यात्राएँ दीप टॉकीज चौराहा, साकेत नगर में एकत्रित होंगी। यहां की यात्रा का निर्देशन भूपेश अवस्थी करेंगे।
- शास्त्री नगर में काली महिया से यात्रा निकाली जाएगी।
- सरसैया घाट से डा. रोचना विश्नोई के नेतृत्व में यात्रा निकाली जाएगी। सभी यात्राएँ शाम 5 बजे श्री राधा कृष्ण मंदिर (जे. के. मन्दिर) पहुंचेगी।