कानपुर, वाईबीएन संवाददाता।
कानपुर विश्वविद्यालय में कार्य परिषद की बैठक में विवि प्रशासन के अधिकारियों ने कई महत्वपूर्ण फैसलों को सहमति दी है। बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि सीएसजेएमयू को समर्थ पोर्टल पर 90 फीसदी कार्य करने पर प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त हुआ है।
परीक्षा समिति की बैठक
बैठक की अध्यक्षता विवि के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक द्वारा की गई। उच्च शिक्षा अधिकारी अशोक कुमार त्रिपाठी की मौजूदगी में पूर्व में परीक्षा समिति की बैठक में लिए गए फैसलों को एक राय से स्वीकृति प्रदान की गई। विश्वविद्यालय द्वारा समर्थ पोर्टल पर प्रथम सेमेस्टर के सभी छात्र-छात्राओं के ऑनलाइन फार्म भराए जाने की रिपोर्ट विश्वविद्यालय द्वारा जारी हुई है। समर्थ पोर्टल पर प्रवेश पत्र एवं सत्यापन पत्रक जारी किए गए हैं। डिजिटल मूल्यांकन कराकर परीक्षा परिणाम भी समर्थ पोर्टल के माध्यम से घोषित किए जा रहे हैं।
अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम के तहत 4 वर्षीय पाठ्यक्रमों को मंजूरी
बैठक में अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम के तहत 4 वर्षीय पाठ्यक्रमों के संचालन को सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की गई। विश्वविद्यालय से जुड़े महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर बीए, बीएससी, बीकॉम द्वितीय और चतुर्थ सेमेस्टर के छात्रों को "3 क्रेडिट एआई फॉर ऑल" में शामिल कर लिया गया है। इसके तहत अब वो भी व्यवसायिक पाठ्यक्रम प्रोग्राम का हिस्सा बन सकेंगे इस पाठ्यक्रम को शुरू करने की सहमति प्रदान कर दी गई है। I इसे तीन भागों में विभाजित किया है, इसमें कामर्स एण्ड मैनेजमेंट के लिए ए-एआई, आर्ट एण्ड ह्यमिनिटीज के छात्रों के लिए, बी एआई और साइंस स्ट्रीम के लिए सी एआई कोर्स संचालित होंगे।
स्कॉलरशिप देने की स्वीकृति
इसके साथ ही विश्वविद्यालय परिसर के जो छात्र मेरिट स्कॉलरशिप में आते हैं उन्हें स्कॉलरशिप देने की स्वीकृति दी गई है। 25 प्रतिशत ये छात्र मेरिट की प्रथम वरीयता वाले विद्यार्थी होंगे।
विश्वविद्यालय परिसर में विभिन्न शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में "यंग टीचर योजना" के तहत शिक्षकों के नए पदों के सृजन के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है। इस योजना में शिक्षकों की अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष निर्धारित की गई है। किसी भी संस्थान के रैंक होल्डर कैंडिडेट को (यूजीसी द्वारा निर्धारित योग्यता की स्थिति में) सीधे साक्षात्कार के माध्यम से नियुक्ति प्रदान की जा सकेगी।
सीoवीo रमन रिसर्च योजना के तहत शिक्षकों को छोटे शोध के लिए दो लाख वहीं बड़े शोध के लिए पांच लाख तक की राशि प्रदान करने पर भी सहमति बनी है। छोटे सामान्य प्रोजेक्ट में दो और बड़े सामान्य प्रोजेक्ट में चार प्रोजेक्ट पर शोध कर पुस्तिका में प्रदर्शित करना जरूरी कर दिया गया है। प्रोजेक्ट समाप्ति के बाद रिपोर्ट विवि में जमा करना होगा बैठक में कुलसचिव डॉ अनिल कुमार यादव, कुलपति प्रोo विनय कुमार पाठक, न्यायमूर्ति श्रीकांत त्रिपाठी, सुधीर कुमार अवस्थी, सहित शिक्षा अधिकारी मौजूद रहे।