कानपुर, वाईबीएन संंवाददाता।
कानपुर (Kanpur) में नवसंवत्सर का स्वागत कुछ इस तरह से किया गया कि वर्ष के पहले दिन के स्वागत के लिये मौजूद लोग मंत्रमुग्ध हो गए। जो जहां था उगते सूर्य को गंगा जल अर्पित कर भक्ति भाव में आध्यात्म में डूब गया। उगते सूर्य के दर्शन कर लोग अपने को सौभाग्यशाली मानने लगे। सूर्य मंत्र के बीच जैसे ही सूर्य का पूरी तरह उदय हुआ यहां मौजूद लोग एक दूसरे को हिंदी नववर्ष की बधाई देने लगे। बीसीसीआई से जुड़े संजय कपूर द्वारा नववर्ष का स्वागत करने के लिये अटल घाट पर आयोजित इस कार्यक्रम में समाज के हर वर्ग के लोग शामिल हुए यहां संघ से जुड़े लोग भी थे और भाजपा बुंदेलखंड के अध्यक्ष प्रकाश पाल भी। नवसंवत्सर की पहली सुबह में उग रहे सूर्य को गंगा का जल अर्पित करने के लिये उद्यमी पनकी के महंत कृष्णदास भी थे और सिद्धनाथ मंदिर के अरुण पुरी व गंगा रक्षक राम जी त्रिपाठी भी। उद्यमी बलराम नरूला भी सुबह पांच बजे ही नववर्ष का स्वागत करने पहुंचे तो पूर्व विधायक सतीश निगम भी।
गंगा आरती बनी आकर्षण का केंद्र
नववर्ष के स्वागत के लिये आयोजित इस कार्यक्रम में कलाकारों द्वारा प्रस्तुत की गई गंगा आरती लोगों के बीच आकर्षण का केंद बनी रही। जैसे ही गंगा आऱती शुरू हुई लोग खड़े होकर भक्ति रस में डूब गए। इस बीच शिव तांडव की प्रस्त्तुति ने लोगों का दिल जीत लिया। यहां आयोजकों द्वारा भक्ति से गंगा जुड़ी कई प्रस्तुति देने के लिये स्थानीय कलाकारों को बुलाया था जिनकी कला ने लोगों को ताली बजाने के लिये मजबूर कर दिया।
सतरंगी आतिशबाजी से किया नववर्ष का स्वागत
हिंदू नववर्ष की पहली सुबह में उगते सूर्य को गंगा जल अर्पित करने के बाद यहां मौजूद लोगों ने सतरंगी आतिशबाजी कर नववर्ष का स्वागत किया आतिशबाजी देखने के लिये कई लोग मौजूद थे और आतिशबाजी के बाद लोगों को बधाई देने का सिलसिला शुरू हो गया।
गौ-गंगा रक्षा का दिया संदेश
कार्यक्रम के दौरान आयोजकों तथा अन्य लोगों ने गौ-गंगा की सेवा व रक्षा करने का संदेश दिया गया। इसके लिये जगह-जगह स्लोगन लिखे गये थे लोगों को प्रेरित किया जा रहा था कि हर भारतीय की जिम्मेदारी है कि वह गंगा तथा गौ माता की सुरक्षा व सेवा करें।
बांटे गए नववर्ष के कलेंडर
सुबह करीब पांच बजे से गंगातट पर स्थित अटल घाट पर आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान लोगों को हिंदू नववर्ष के प्रति जागरूक करने के लिये विभिन्न संस्थाओं द्वारा नव संवसंवत्सर से जुड़े कलेंडर वितरित किये गये। यह कलेंडर चैत्र मास से शुरू हुए थे।