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नवरात्रि पर विशेष : ये वह देवी मंदिर है जहां हुआ था लव-कुश का मुंडन

चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। सभी देवी मंदिरों पर भक्तो का तांता लगा हुआ है।आज यंग भारत आपको कानपुर के एक ऐसे देवी मंदिर के बारे में बता रहें हैं, जिसका नाता कार्तिकारियो से है।

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YBN News Kanpur
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कौस्तुभ मिश्रा 

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चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। सभी देवी मंदिरों पर भक्तो का तांता लगा हुआ है।आज यंग भारत आपको कानपुर के एक ऐसे देवी मंदिर के बारे में बता रहें हैँ जिसका नाता कार्तिकारियो से है। यहां का प्रसिद्ध देवी मंदिर जो कानपुर के मैनावती मार्ग पर स्थित है। मां उजियारी देवी, एक ऐसा मंदिर है ,जहां आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ ही इसका ऐतिहासिक महत्व भी है।

इसी वन में मां सीता को छोड़कर गए थे लक्ष्मण जी

उजियारी देवी ट्रस्ट के अध्यक्ष  मनीष त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि, मां उजियारी देवी का यह मंदिर त्रेता युगीन है। भगवान राम ने जब मां सीता का परित्याग किया था तथा श्री लक्ष्मण जी मां सीता को वन में छोड़ कर आए थे ,वह वन यही था।
त्रेता युग ने है नाता
मां सीता ने यहां बाल्मिकी आश्रम में शरण ली,  जो आज भी यहां से ५ किलोमीटर की दूरी पर बिठूर में स्थित है। यही रहते हुए मां सीता ने अपने दोनो पुत्र लव एवं कुश का मुंडन संस्कार मां उजियारी देवी में ही किया था जो की विश्वसनीय लगता है।यह मंदिर आज भी सड़क से काफी ऊंचाई पर स्थित है , मंदिर गंगा नदी के ऊपर ही स्थित था ,जो आज भी आपको महसूस होगा, यदि आप मंदिर में जाकर दर्शन करें।

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- मंदिर का क्रान्तिकारी इतिहास

महारानी लक्ष्मी बाई ,अपने बचपन में निकट ही बिठूर में निवास करती थी और अपनी सहेली जिसका नाम मैना था, उसके साथ मां उजियारी देवी में प्रायः पूजन एवं दर्शन करती थी। जिस मार्ग पर मंदिर स्तिथ है उसका नाम मैनावती मार्ग है, जो मैना के नाम पर है।
आजादी की लड़ाई में भी इस मंदिर का महत्वपूर्ण योगदान है।चंद्रशेखर आजाद,भगत सिंह,राजगुरु प्रायः मंदिर को अपनी शरण स्थली बनाया करते थे ,क्योंकि यह स्थान गंगा से घिरा एक सघन वन क्षेत्र था जहां छिपना आसान होता था।
आज भी मन्दिर परिसर में एक कुआं है, जो की वास्तव में एक सुरंग है, जो मंदिर से ५ किलोमीटर दूर खुलती थी। जहां से क्रांतिकारी  आवागमन करते थे।

मंदिर में मिलती है अद्भुत ऊर्जा

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अद्भुत आध्यात्मिक ऊर्जा है, इस मंदिर परिसर में, आप पूजन दर्शन करते हैं तब भी या आप योग ध्यान के मार्ग में हैं तब भी ।
दोनो में ही आपको जबदस्त ऊर्जा क्षेत्र होने का अनुभव होगा।  मनीष त्रिपाठी ने बताया ,उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विभाग द्वारा उजियारी देवी मंदिर को पर्यटन मानचित्र में शामिल कर लिया गया है तथा डेढ़ करोड़ रुपए से मंदिर का विकास किया जा रहा है। जो कि हर्ष का विषय है।
अगर आप कानपुर में हैं, तो जरूर जाइए, मां उजियारी देवी के ऊर्जा क्षेत्र में, और अनुभव करिए इस मंदिर की दिव्यता। बताया जाता है कि माँ उजियारी देवी के पूरे नवरात्रि दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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