कानपुर, वाईबीएन नेटवर्क।
नेहा शर्मा जैसा फ़र्जी नाम रखकर पाकिस्तान की खूबसूरत जासूस ने हुस्न के जाल में आर्डिनेंस फैक्ट्री के कर्मचारी को फंसाया था। देश के साथ गद्दारी करने वाले कुमार विकास के गिरफ्तारी की खबर फैलते ही गांव शाहजहांपुर में सन्नाटा पसर गया। बुधवार को मां बाप मकान में ताला लगाकर फरार हो गये। गांव के नाते रिश्तेदार पट्टीदार भी विकास पर बोलने को तैयार नहीं हुए। गांव में अजीब तरह की दहशत फैल गई है। गांव के लोग शर्मिंदा नजर आ रहे थे। एक महिला ने कहा कि वह पढऩे में अच्छा था। नशे आदि से दूर रहता था। उसकी छवि अच्छे लडक़े के रुप में थी।
गाँव में अच्छाइयों से थी विकास की पहचान
कानपुर आर्डिनेंस फैक्टरी में जूनियर वर्क्स मैनेजर के पद पर कार्यरत कुमार विकास की करतूत से उसका गांव शर्मिंदा है। गांव के लोग जो फख्र से कहते थे कि गरीबी में पले और बड़ा हुआ विकास नशे से दूर रहता था। उसने मेहनत करके सरकारी नौकरी हासिल की। कल तक गांव में जिस युवा की नजीर दी जा रही थी अब उसका कोई नाम लेने को तैयार नहीं है।
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विकास पर ये है आरोप
बता दें कि विकास को पाकिस्तान के लिए गोपनीय सूचनाएं लीक करने के आरोप में एटीएस लखनऊ की टीम ने गिरफ्तार किया है। पाकिस्तान की नेहा शर्मा नाम की किसी महिला के हुस्न के जाल में फंसकर वह देश के साथ गद्दारी करने लगा। फेसबुक के माध्यम से महिला के संपर्क में आया विकास उसके बुने जाल में फंसता चला गया। यहां तक वह ये भी भूल गया कि देश के साथ कितनी बड़ी गद्दारी कर रहा है। विकास पर आरोप है कि वह आर्डिनेंस से कर्मचारियों की उपस्थिति पंजिका, उपकरण, निर्माण होने वाले गोला बारूद के बावत जरूरी और गोपनीय सूचनाएं दूसरे पाकिस्तान भेजने लगा। विकास के इस कारनामे की भनक एटीएस को लगी तो उसे कानपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। इस खबर से उसके गांव शाहजहांपुर में ग्रामीण दंग रह गए।
घर पर ताला लटकाकर माँ-बाप गायब
कुमार विकास सट्टी थाने के शाहजहांपुर गांव का रहने वाला है। परिवार की माली हालत शुरु से ही ठीक थी। पिता अशोक कुमार के पास दस बीघा खेत हैं। वह गांव में रहकर खेती करते हैं। वह मुर्गी पालन का काम भी करते हैं। देश के साथ गद्दारी करने में विकास के गिरफ्तार होने की खबर उसके गांव पहुंची तो ग्रामीण हैरान रह गए। गांव की गलियों में हर तरफ अजीब से सन्नाटा पसरा दिखा। माता पिता घर में ताला लगाकर कहीं निकल गए। आसपास के लोग ये भी बताने से बचते रहे कि उसके मां बाप कब निकले हैं। ग्रामीणों ने कहा कि ऐसी उम्मीद नहीं थी जैसा उसने किया है। विकास का छोटा भाई विवेक कानपुर में एक बैंक में कर्मचारी है। विकास पत्नी के साथ कानपुर में रहता था।
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मुंबई में मामा के घर रहकर पढ़ा-लिखा
विकास को बचपन में ही पढ़ाई के लिए उसके मामा मुंबई ले गए। वहां उसने पांचवीं तक पढ़ाई की। इसके बाद गांव आ गया। गांव के नजदीक गौरीकरन इंटर कालेज से इंटरमीडिएट तक पढ़ाई की। फिर उसकी नौकरी कानपुर ऑर्डिनेंस फैक्टरी में लग गई। फिर न्यू हाईवेसिटी नारामऊ बिठूर में रहने लगा लेकिन गांव से जुड़ाव उसका बना रहा। वह अक्सर गांव आना जाना करता रहता था।