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Photograph: (young Bharat)
कल्याणपुर खुर्द में सोमवार को हुई वकील राजेश सिंह की हत्या को लेकर अधिवक्ताओं का गुस्सा सातवें आसमान पर है। उन्होंने हत्याकांड के विरोध में 27 और 29 अप्रैल को हड़ताल का एलान किया है। 28 अप्रैल को अलविदा की नमाज की छुट्टी है। इसके अलावा 30 अप्रैल को रविवार की छुट्टी और 31 अप्रैल को ईद की सरकारी छुट्टी है। ऐसे में 5 दिन तक कोर्ट से संबंधित कार्य नहीं हो पाएंगे, जिसका सीधा असर वादकारियों पर पड़ेगा।
पड़ोसियों के दिलों तक नहीं पहुंची मासूम बच्चियों की मार्मिक चीखें
brutal Crime Stories : कल्याणपुर खुर्द में वकील राजेश सिंह के साथ हुई घटना के दौरान उनकी पत्नी और दो मासूम बेटियां भी साथ थीं। पिता को हमलावर बेरहमी से पीट रहे थे तो मासूम बच्चियों ने चीख चीख कर अपने पिता को छोड़ने की गुहार लगाई। पड़ोसियों को मदद के लिए पुकारा लेकिन किसी के दिल तक उनकी मार्मिक चीखें न पहुंच सकीं। आखिरकार हमलावरों के दिए जख्मों से दो मासूमों के सिर से पिता का साया उठ गया।
परिजनों ने पुलिस पर लगाए आरोप
अब पुलिस भी सवालों के घेरे में है। परिजनों ने लापरवाही समेत कई तरह के आरोप पुलिस पर भी लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने पकड़ने के बाद आरोपी को छोड़ दिया था। हालांकि अधिवक्ता की मौत के बाद पुलिस ने आरोपी दंपत्ति को दुबारा गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा एक अन्य आरोपी को भी हिरासत में लिया गया है जिससे पूछताछ की जा रही है।
पहले से तैयार थी हत्या की योजना, घर पर बुला लिए थे साथी
Crime Investigation अधिवक्ता राजेश सिंह सोमवार शाम को अपनी पत्नी क्षमा और दो बेटियां निशि (10) नेहा (5) के साथ अपनी ससुराल के लिए निकले थे। घर से चंद कदम की दूरी पर वीएन शर्मा का मकान है, जिसमें धीरज तिवारी किराए पर रहकर तीन गाड़ियां चलवाने का काम करता है। सभी गाड़ियां घर के सामने ही खड़ी की जाती हैं, जिससे रास्ता बंद हो जाता है। उस दिन भी ऐसा ही हुआ। गाड़ी हटाने की बात पर राजेश सिंह की धीरज से बहस हुई थी। राजेश सिंह देर रात जब अपनी पत्नी और बच्चों के साथ घर वापस आए तब भी गाड़ी हटाने को लेकर विवाद हुआ। आरोपी धीरज तिवारी ने अपनी पत्नी और अन्य साथियों के साथ मिलकर राजेश सिंह पर हमला कर दिया। इस दौरान बैसाखी राजेश सिंह के सिर में लगी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। पत्नी क्षमा ने इसकी सूचना परिजनों को दी, जिसके बाद राजेश सिंह को निजी हॉस्पिटल में भर्ती करा कर पुलिस को मामले की जानकारी दी गई। राजेश सिंह के परिजनों की माने तो हमले की योजना आरोपी धीरज तिवारी ने पहले ही बना ली थी और अपने साथियों को घर पर बुला लिया था। इसके अलावा आरोपी की पत्नी ने अपनी ससुराल फोन कर दर्जनों लोगों को बुला लिया था।
पुलिस नहीं समझ पाई घटना की गंभीरता
स्थानीय पुलिस भी घटना की गंभीरता को समझने में नाकाम रही। मामूली झगड़ा और विवाद समझ कर पुलिस ने गलती कर दी। परिजनों का कहना है कि सोमवार देर रात पुलिस ने आरोपी धीरज तिवारी को पकड़ा था लेकिन उसे छोड़ दिया गया। मामूली झगड़ा समझकर पुलिस ने उसे घर जाने की इजाजत दे दी। नतीजा ये रहा कि मंगलवार सुबह अधिवक्ता राजेश सिंह की मौत के बाद आरोपी अपनी कार से फरार होने में सफल हो गया। हालांकि बाद में उसे पत्नी समेत गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस, इंटेलिजेंस से लेकर डीजीपी कार्यालय तक सतर्क
अधिवक्ता की मौत के बाद मंगलवार सुबह परिजनों ने आरोपी का घर घेर लिया। देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में भीड़ आरोपी के घर के बाहर जमा हो गई। अनहोनी की आशंका के चलते भारी पुलिस बल तैनात किया गया और भीड़ को हटाकर आरोपी के परिजनों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। हालांकि स्थितियों को समझने के लिए लोकल इंटेलिजेंस और पुलिस सक्रिय है। इंटेलिजेंस ने अलग अलग स्तर से रिपोर्ट बनाई है जिसे उच्चाधिकारियों को भेजा गया है। पुलिस न सिर्फ आरोपियों को पकड़ने के लिए टीमें बनाकर धरपकड़ अभियान चला रही है बल्कि मामला आगे न बढ़े, इसके लिए भी रणनीति बनाई है। वहीं घटना के पीछे का कारण और मौजूदा स्थितियों पर नजर रखने के लिए डीजीपी कार्यालय से कल्याणपुर के संभ्रांत नागरिकों को फोन कर जानकारी ली जा रही है। डीजीपी कार्यालय से फोन कर सांसद प्रतिनिधि अशोक सिंह दद्दा से घटना से जुड़े बिंदुओं और कारण की जानकारी ली गई।
पोस्टमार्टम में हेड इंजरी से हुई मौत की पुष्टि
मंगलवार शाम को अधिवक्ता राजेश सिंह के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम में हेड इंजरी से मौत होने की पुष्टि हुई है। दरअसल बैसाखी से किए गए वार अधिवक्ता के सिर पर सटीक बैठ गए और तीन इंच गहरा घाव हो गया, जिससे अधिवक्ता बेहोश होने के बाद कोमा में चले गए। इसी स्थित में उनकी मौत हो गई। फिलहाल बिसरा सुरक्षित रखा गया है। बाद में शव को अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप कर भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उनका अंतिम संस्कार कराया गया।
आरोपी पहले भी जा चुका है जेल
आरोपी धीरज तिवारी को इलाकाई लोग पसंद नहीं करते हैं। इलाकाई लोगों का कहना है कि वह और उसकी पत्नी अक्सर लोगों से झगड़ा करते हैं। किसी की हत्या के मामले में कोटा जेल में बंद था, दो साल पहले ही वह जेल से छुटकर आया है। धीरज ने दो शादियां की हैं। पहली पत्नी से उसे दो बेटियां है जबकि दूसरी पत्नी से एक बेटा है। इलाके के रहने वाले लोगों का कहना है कि दंपति के रवैये के चलते कोई इनसे मेलजोल नहीं बढ़ाता है।
मासूम बेटी पूछ रही, पापा कब आएंगे
मृतक अधिवक्ता राजेश सिंह के बुजुर्ग पिता की घटना वाले दिन ही तबियत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। अभी भी वह सदमे में हैं। अब तो उनकी आंखों से आंसू भी नहीं निकल रहे। पत्नी क्षमा का रो रोकर बुरा हाल है। आंखें पथरा गई हैं। मुंह से शब्द भी नहीं निकल रहे हैं। बार बार बेहोश हो जा रही हैं। पुत्री नेहा (5) बार बार पूछती है पापा कब आएंगे। मासूम के सवाल का किसी के पास कोई जवाब नहीं है। बड़ी बेटी निशि (10) समझदार है। अपनी मां और छोटी बहन को बार बार चुप कराती है। पूरा परिवार गमजदा है, किसी के सिर से पिता का साया उठ गया, किसी की बुढ़ापे की लाठी छीन गई तो किसी का सुहाग उजड़ गया।