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सेलिना जेटली ने अमिताभ बच्चन संग शेयर की थ्रोबैक तस्वीर, ‘फौजी बेटियों’ की दिखाई झलक

सेलिना जेटली ने सोशल मीडिया पर तस्वीर शेयर की, जिसमें वह 'सदी के महानायक' अमिताभ बच्चन, प्रियंका चोपड़ा, लारा दत्ता और दीया मिर्जा के साथ पोज देती नजर आईं। मिस यूनिवर्स रनर-अप की यादों को संजोते हुए सेलिना ने इसे ‘फौजी बेटियों’ का सम्मान बताया।

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YBN News
CelinaAmitabh

CelinaAmitabh Photograph: (ians)

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मुंबई,आईएएनएस। एक्ट्रेस सेलिना जेटली ने सोशल मीडिया पर अपनी एक थ्रोबैक तस्वीर शेयर की, जिसमें वह 'सदी के महानायक' अमिताभ बच्चन, प्रियंका चोपड़ा, लारा दत्ता और दीया मिर्जा के साथ पोज देती नजर आईं। मिस यूनिवर्स रनर-अप की यादों को संजोते हुए सेलिना ने इसे ‘फौजी बेटियों’ का सम्मान बताया, जो अपनी मेहनत और टैलेंट के दम पर दुनिया में छा गईं।

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नए भारत की कहानी

सेलिना ने तस्वीर को इंस्टाग्राम पर शेयर करते हुए अपने दिल की बात लिखी। उन्होंने बताया कि यह तस्वीर सिर्फ ब्यूटी कॉम्पिटिशन की जीत की नहीं, बल्कि एक नए भारत की कहानी है। इस तस्वीर में चार सुंदरियां सेलिना जेटली, प्रियंका चोपड़ा, लारा दत्ता और दीया मिर्जा अमिताभ बच्चन के साथ खड़ी हैं। फिल्म इंडस्ट्री में सफल रहीं इन चारों सुंदरियों का फिल्मी दुनिया से कोई नाता नहीं था, फिर भी वे अपनी प्रतिभा और एक्टिंग स्किल से एक खास मुकाम बनाने में सफल रहीं।

मिस यूनिवर्स का खिताब

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सेलिना ने बताया कि वह भारतीय सेना के कुमाऊं रेजिमेंट से ताल्लुक रखती हैं। साल 2000 में मिस यूनिवर्स का खिताब अपने नाम करने वाली अभिनेत्री लारा दत्ता एक वायुसेना अधिकारी की बेटी हैं। मिस वर्ल्ड 2000 प्रियंका चोपड़ा, सेना के मेडिकल कोर में कार्यरत (दिवंगत) पिता की बेटी हैं। वहीं, दीया मिर्जा हैदराबाद के साधारण परिवार से आकर भी अपनी शालीनता और उद्देश्य से सबका दिल जीत चुकी हैं।

भीतर की आग को कभी कम न समझें

उन्होंने अपने पोस्ट के साथ कैप्शन में लिखा, “यह तस्वीर विरासत, हिम्मत और उन लड़कियों की कहानी है, जो साधारण घरों से निकलकर दुनिया को रुककर देखने पर मजबूर कर देती हैं। हर फौजी बेटी और साधारण शुरुआत वाली लड़की को मेरा संदेश है कि अपने भीतर की आग को कभी कम न समझें।”

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सेलिना ने लिखा, “हम फौजी बेटियां, सेना के स्कूलों और केंद्रीय विद्यालयों में पढ़ीं। हमारा बचपन सेना की राशन, कैंटीन और अनुशासन भरी जिंदगी में बीता। मैंने तो आठवीं कक्षा तक कोई बड़ा शहर भी नहीं देखा था, सिवाय लखनऊ में अपने दादा-दादी के घर के।”

उन्होंने कहा कि ये तस्वीर ब्यूटी से ज्यादा मेहनत, अनुशासन और साधारण शुरुआत से उभरने वाली लड़कियों की ताकत या मजबूती को दिखाती है।

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