Changing Seasons में करें सिर्फ तीन काम, छोटे से उपाय रखेंगे सेहत का पूरा ध्यान
बसंती बयार बहने लगी है। सुबह और शाम में ठंड हो रही है तो दोपहर को पसीना छूटने लगा है। बदलते मौसम का हमारे शरीर पर प्रभाव पड़ता है और ऐसे समय में खास सावधानी बरती जानी चाहिए।
Lifestyle : बसंती बयार बहने लगी है। सुबह और शाम में ठंड हो रही है तो दोपहर को पसीना छूटने लगा है। बदलते मौसम का हमारे शरीर पर प्रभाव पड़ता है और ऐसे समय में खास सावधानी बरती जानी चाहिए। सिंपल घरेलू उपाय से शारीरिक समस्याओं से छुटकारा संभव है।मार्च माह में प्रवेश करते हुए कुछ विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए। योग, गुनगुना पानी और हर्बल टी इम्युनिटी को बेहतर करने वाले सहज उपाय हैं।
योग दर्शन के मूल ग्रंथ पतंजलि योगसूत्र के अनुसार हमारा अस्तित्व पर्यावरण में बदलाव को महसूस करने की क्षमता पर निर्भर करता है, इसलिए परिवर्तन काल में योग को आत्मसात करना चाहिए। नियमित योग और मेडिटेशन को दिनचर्या में शामिल करना सही होता है। दरअसल, मौसम के बदलने के साथ खासी एवं फेफड़ों से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इससे निपटने के लिए योगासन की सलाह दी जाती है।
दूसरा अहम उपाय जल से जुड़ा है। दिन भर में 7 से 8 गिलास पानी पीने की सलाह अक्सर विशेषज्ञ देते हैं। इससे डिहाइड्रेशन नहीं होता। पाचन में मदद करता है और शरीर से टॉक्सिक पदार्थ बाहर निकाल फेंकता है। एक और खास बात शरीर के तापमान को भी नियंत्रित करता है।
तीसरा बहुत आम सा और खास उपाय है। क्योंकि मौसम में बदलाव अपने साथ बहुत सारी बीमारियां साथ लाता है, इसलिए हर्बल चाय को दिनचर्या में शामिल करने की सलाह दी जाती है। वैसे भी ये हमारी दादी मां के नुस्खों में शामिल रहते हैं । हर्बल टी अगर ताजा तुलसी के पत्तों, अदरक से बनी हो तो फायदा जबरदस्त होता है।
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बच्चों का रखें ज्यादा ध्यान
एक तरफ शरीर में गर्मी बढ़ रही होती है तो दूसरी तरफ वातावरण में नमी है। सबके लिए सजग होने का समय है। खास तौर से बुजुर्गों और बच्चों में बदलते मौसम का असर ज्यादा देखने को मिलता है। जरा-सी लापरवाही आपको बीमारियों के जाल में फंसा सकती है। ये तो है सीजन ट्रांजिशन की तैयारी। फिर भी बुखार हो जाए, गले में खराश हो या फिर शारीरिक दिक्कत हो तो विशेषज्ञ की सलाह जरूर लेनी चाहिए।