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Lifestyle: आयुर्वेद के पांच सिद्धांतों से पाएं संतुलित जीवनशैली और दूर करें ये समस्याएं

आज की लाइफस्टाइल में तनाव, अनिद्रा समेत कई बीमारियों का बिन बुलाए आना बेहद आम बात बन चुकी है। हालांकि, कुछ बातों का ध्यान रखकर इन समस्याओं को छूमंतर किया जा सकता है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने बेहतरीन स्वास्थ्य का संपूर्ण और सरल तरीका बताया है।  

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YBN News
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Lifestyle Photograph: (ians)

नई दिल्ली। आयुर्वेद के अनुसार शरीर, मन और आत्मा का संतुलन ही स्वस्थ जीवन की कुंजी है। आधुनिक जीवनशैली में असंतुलन से अनेक बीमारियां उत्पन्न होती हैं, जिन्हें आयुर्वेदिक सिद्धांतों से दूर किया जा सकता है। पंचमहाभूत, त्रिदोष संतुलन, दिनचर्या, ऋतुचर्या और आहार-विहार जैसे पांच प्रमुख सिद्धांत अपनाकर जीवन को स्वस्थ बनाया जा सकता है। नियमित दिनचर्या, मौसमानुसार खानपान, हर्बल पेय, ध्यान और योग शरीर को प्राकृतिक रूप से मजबूत करते हैं। आयुर्वेद केवल उपचार नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक पद्धति है जो व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से संतुलित रखती है।

बेहतरीन स्वास्थ्य का सरल तरीका

आज की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल में तनाव, अनिद्रा समेत कई बीमारियों का बिन बुलाए मेहमान की तरह आना बेहद आम सी बात बन चुकी है। हालांकि, कुछ बातों का ध्यान रखकर इन समस्याओं को छूमंतर किया जा सकता है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने बेहतरीन स्वास्थ्य का संपूर्ण और सरल तरीका बताया है।  

मंत्रालय के अनुसार, आयुर्वेद संतुलित जीवनशैली और समग्र कल्याण को बढ़ावा देता है। दिनचर्या, ऋतुचर्या, आहार, सद्वृत्त और योग जैसे प्रमुख सिद्धांतों को जीवन में शामिल करके कोई भी व्यक्ति स्वस्थ, ऊर्जावान और रोग मुक्त रह सकता है। यह प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति शरीर, मन और आत्मा के संतुलन पर जोर देती है, जिससे रोजमर्रा की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आता है।

संतुलित जीवनशैली

मंत्रालय का कहना है कि ये सिद्धांत अपनाने से एक नहीं अनेक फायदे मिलते हैं। आयुर्वेद न केवल रोग निवारण करता है, बल्कि जीवन को खुशहाल बनाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, शहरों में बढ़ते तनाव और प्रदूषण के बीच ये तरीके विशेष रूप से उपयोगी हैं।

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आयुष मंत्रालय के दिशानिर्देशों में इन सिद्धांतों को आसानी से अपनाने की सलाह दी गई है। इसमें पहले नंबर पर आता है दिनचर्या, यह दैनिक रूटीन का सिद्धांत है। सुबह जल्दी उठना, व्यायाम करना, स्नान और समय पर भोजन-सोना शामिल है। इससे शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक संतुलित रहती है और ऊर्जा बनी रहती है।

जीवनशैली बदलने की सलाह

मंत्रालय ऋतुचर्या यानी मौसम के अनुसार जीवनशैली बदलने की सलाह देता है। गर्मियों में ठंडी चीजें, सर्दियों में गर्म और पौष्टिक आहार लेना। इससे मौसमी बीमारियां दूर रहती हैं और शरीर अनुकूलित होता है। मंत्रालय उचित आहार ग्रहण करने पर जोर देता है। इसके लिए संतुलित और सात्विक भोजन, ताजा फल, सब्जियां, अनाज इस्तेमाल करने चाहिए। पाचन के अनुसार भोजन चुनें, जैसे वात दोष वाले हल्का गर्म भोजन। इससे पोषण मिलता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

समस्याओं का समाधान योग

मंत्रालय सौ समस्याओं का समाधान योग को बताता है। आसन, प्राणायाम और ध्यान। रोजाना अभ्यास से लचीलापन, श्वास पर नियंत्रण और मानसिक स्पष्टता आती है। यह शरीर को मजबूत बनाता है और ऊर्जा का प्रवाह सुचारू करता है। मंत्रालय सद्वृत्त के बारे में जानकारी देता है। इसके अंतर्गत नैतिक और मानसिक व्यवहार का पालन, सत्य बोलना, क्रोध नियंत्रित करना, दया और संयम रखना शामिल है। यह मन को शांत रखता है और तनाव से मुक्ति देता है।

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 (इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"

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