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New production company 'Bandarful': मुझे कभी अहसास नहीं हुआ कि मैं आउट साइडर हूं- श्वेता त्रिपाठी

अभिनेत्री और निर्माता श्वेता त्रिपाठी ने अपनी नई प्रोडक्शन कंपनी 'बंदरफुल' शुरू करने के पीछे की प्रेरणा और फिल्म इंडस्ट्री में अपने अनुभवों को साझा किया। श्वेता ने बताया कि उन्होंने हमेशा इंडस्ट्री में अपनापन महसूस किया ।

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YBN News
ShwetaTripathi

ShwetaTripathi Photograph: (ians)

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मुंबई, आईएएनएस। अभिनेत्री और निर्माता श्वेता त्रिपाठी ने अपनी नई प्रोडक्शन कंपनी 'बंदरफुल' शुरू करने के पीछे की प्रेरणा और फिल्म इंडस्ट्री में अपने अनुभवों को साझा किया। श्वेता ने बताया कि उन्होंने हमेशा इंडस्ट्री में अपनापन महसूस किया और अब वह दूसरों को मौका देना चाहती हैं।

नई प्रोडक्शन कंपनी 'बंदरफुल' शुरू करने के पीछे की प्रेरणा

श्वेता ने बताया कि उन्हें यह कभी नहीं लगा कि वह इंडस्ट्री के बाहर से हैं; उन्हें यहां हमेशा अपनापन महसूस हुआ। श्वेता ने अपनी प्रोडक्शन कंपनी शुरू करने के बारे में कहा, “क्यों इंतजार करें कि कोई और कहानी को सामने लाए? बहुत सारी कहानियां और प्रतिभाशाली लोग हैं। मैं ऐसे लोगों को जानती हूं और अगर मेरे पास संसाधन हैं, तो मैं उन्हें मौका देना चाहती हूं।”

कुछ कहानियां बहुत प्रभावित करती

उन्होंने कहा कि वह अपने सफर में कई लोगों से मिलती हैं और कुछ कहानियां उन्हें बहुत प्रभावित करती हैं। श्वेता ने बताया, “मैं चाहती हूं कि दुनिया भी इन्हें महसूस करे। इसलिए मैंने अपनी प्रोडक्शन कंपनी शुरू की। दूसरों पर उंगली उठाने से पहले हमें खुद से पूछना चाहिए कि हम उनके लिए क्या कर रहे हैं।”

'बंदरफुल' प्रोडक्शन हाउस का उद्देश्य ऐसी कहानियों को बढ़ावा देना है जो रूढ़ियों, व्यावसायिक दबावों या सामाजिक बंधनों से मुक्त हों। श्वेता ने कहा, “मुझे खुशी है कि लोगों ने मुझ पर भरोसा किया। फिल्ममेकर्स ने मेरी प्रतिभा और पैशन को देखा। अब मैं दूसरों में वह जुनून देखना चाहती हूं और उन्हें मंच देना चाहती हूं।”

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ऐसी कहानियों के प्रति जुनूनी

उन्होंने कहा कि वह उन लोगों के साथ काम करना चाहती हैं जो सिनेमा और ऐसी कहानियों के प्रति जुनूनी हों जो समाज पर प्रभाव डाल सकें। इंडस्ट्री के अपने अनुभव को साझा करते हुए श्वेता ने कहा, “मुझे शुरू से ही गुनीत मोंगा, अनुराग कश्यप और करण जौहर जैसे लोगों का साथ मिला। मैंने कभी खुद को बाहरी नहीं माना। मेरे लिए यह सब भावनाओं और जुड़ाव के बारे में है, न कि जेंडर, जाति या वर्ग के बारे में।”

प्रोड्यूसर बनने के अनुभव को श्वेता ने एक नया सफर बताया। उन्होंने बताया, “प्रोड्यूसर बनना एक सीखने की प्रक्रिया है। हर कदम मुझे कुछ नया सिखा रहा है और मैं इस सफर के लिए तैयार हूं।”

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